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आर्थिक व्यवस्था चरमराई
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२८ – राज्यभर में कोरोना संकट के चलते हाहाकार मचा है. जिससे सभी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. अनेक क्षेत्र के नागरिक तनाव में जी रहे है. गत वर्ष मार्च महिने में कोरोना का आगमन हुआ तभी से अब तक डेढ वर्ष में आर्थिक स्थिति पूरी तरह से प्रभावित हुई है.
ग्रामीण क्षेत्र में सुतार काम करने वाले, वेल्डिंग व अन्य मजदूरी के काम करने वाले यानी लोहारकाम, टेलर, वेल्डिंग, मोटरगैरेज, कपडा दुकान कामगार, चाय टपरी चालक, नाश्ता बिक्री करने वाले, मटके बनाने वाले कुंभार, मंडप व्यवस्था, आचारी, सलुन का काम करने वाले, बाजार में जाकर खिलौने, स्टेशनरी बेचने वाले, मेवा मिठाई बेचने वाले, इस तरह हर व्यवसाय पूरी तरह से बंद पडा है. जिससे इन छोटे व्यवसायियों पर भुखमरी की नौबत आन पडी हैं. केवल अत्यावश्यक सेवा में रहने वाली दुकानें कम से कम चुनिंदा समय में तो भी खोली जाती है. जिससे उन्हें उपजीविका में कुछ बाधा नहीं आती, लेकिन जो व्यवसाय साप्ताहिक मंडी अथवा जत्रा पर निर्भर है उन्हें मात्र जीना मुुश्किल हुआ है. कोरोना के काल में बडे विवाह समारोह पर पाबंदी डाली गई है. जिससे इसपर आधारित लोगों पर भुखमरी की नौबत आयी है. ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे अनेक छोटे-बडे व्यवसाय कोरोना, लॉकडाउन के चलते बंद है. इन लोगों पर भुखमरी की नौबत आयी हुई है. ऐसे व्यवसायियों को सही मायने में सरकार ने मदत करना आवश्यक है. किंतु सरकार ने इस ओर पूरी तरह दुर्लक्ष किया है. केवल बांधकाम कामगार व पीएम किसान के पैसे खाते पर जमा हुए है. बाकी सभी को समस्या निर्माण हुई है.
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छोटे व्यवसायी परेशान
कोरोना का प्रादुर्भाव रोकने के लिए सरकार की ओर से लॉकडाउन किया गया है. जिससे यात्रा, साप्ताहिक बाजार बंद रहने से छोटे व्यवसायी पूरी तरह से परेशान हुए है. किसानों को अपनी खेती में ली गई फसल को बाजारपेठ उपलब्ध कराना मुश्किल काम बन चुका है. इस कारण किसानों की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हुई है.