अमरावती

जुडवा नगरी के व्यापारी भी लॉकडाउन के खिलाफ

सरकारी फैसले को खुद पर बताया अन्यायकारक

अमरावती/प्रतिनिधि दि.६ – राज्य सरकार द्वारा 5 अप्रैल से 30 अप्रैल तक समूचे राज्य में कडा लॉकडाउन लागू किये जाने के संदर्भ में लिये गये फैसले का व्यापार जगत द्वारा कडा विरोध किया जा रहा है. इसके तहत दैनिक अमरावती मंडल द्वारा परतवाडा व अचलपुर के व्यापारियों से लॉकडाउन को लेकर उनकी प्रतिक्रियाएं जानने का प्रयास किया गया. जिसके तहत अधिकांश व्यापारियों ने इस लॉकडाउन को खुद के लिए अन्यायकारक बताते हुए कहा कि, सरकार ने इस बार बेहद गलत फैसला लिया है. जिसका व्यापारियों द्वारा समर्थन नहीं किया जा सकता.

  • कोरोना खत्म होगा या नहीं व्यापारी खत्म हो जाएगा

कोरोना संक्रमण के बढते प्रादुर्भाव को देखते हुए जिला प्रशासन द्बारा जिलेभर में लॉकडाउन लगा दिया गया है यह गलत है इसका हम विरोध करते है. जिले में लॉकडाउन लगाने पर कोरोना खत्म होगा या नहीं व्यापारी अवश्य खत्म हो जाएगा. सरकार लॉकडाउन की बजाए वैक्सीनेशन पर अधिक जोर दे. अचलपुर-परतवाडा जुडवा शहर में केवल दो ही टीकाकरण केंद्र स्थापित किए गए है. जिला प्रशासन टीकाकरण केंद्र बढाए जब संपूर्ण राज्यभर में लॉकडाउन नहीं था तब हमने 21 दिनों का लॉकडाउन झेला था अब जबकि राज्यभर में संक्रमण ज्यादा है और जिले में कम है फिर भी हम पर लॉकडाउन लाद दिया गया यह सरासर गलत है.
– अजय अग्रवाल,
अध्यक्ष ऑल टे्रडर्स व्यापारी एसो. अचलपुर तहसील

  • लॉकडाउन उचित नहीं

सरकार द्बारा अमरावती जिले में 30 अप्रैल तक लॉकडाउन करने का निर्णय लिया गया है यह उचित नहीं है. हाल ही में 21 दिनों का लॉकडाउन हम पहले ही झेल चुके है अभी त्यौहारों के दिन है शादी ब्याह का भी सीजन है साथ ही किसानों की फसल चना, गेहूं भी निकलने की कगार पर है ऐसे में अगर व्यापार बंद रहा तो संबंधित मजदूर, कर्मचारी आदि व्यवसाय व्यापार से संबंधित लोगों पर इसका असर पडेगा. पिछले दो साल से यही चलता आ रहा है, व्यापारियों को बैंक का ब्याज, कर्मचारियों की पगार, सरकारी टैक्स आदि भरना होता है. व्यापार बंद रहेगा तो यह संभव नहीं हो पाएगा. जिले में लगाया गया लॉकडाउन उचित नहीं है.
– सतीश कुमार व्यास,
संचालक कृषि उपज मंडी अचलपुर

  • मीडिल क्लॉस व्यापारियों के साथ अन्याय

हमेशा मीडिल क्लॉस व्यापारी ही सरकार द्बारा बनाए गए कानूनों में फसता है. बडे काराखाने, बडे उद्योग अभी भी चालू ही है लेकिन जो व्यापारी सुबह 8 बजे से लेकर रात 11 बजे तक काम करता है उसी को ही मुसिबत झेलनी पडती है. मीडिल क्लॉस व्यापारी चंदा भी देता है, सरकार को टैक्स भी देता है और उसी के साथ अन्याय होता है. हाल की परिस्थिती में मीडिल क्लॅास व्यापारियों को व उद्योजकों को कर्मचारियों का वेतन, इलेक्ट्रिक बिल, सरकारी टैक्स आदि लागू है. बडे उद्योजकों को कई तरह की छूट है मरण छोटे उद्योजकों का ही होता है. जिलाप्रशासन मीडिल क्लॉस व्यापारियों की व्यथा सरकार तक पहुंचाए.
– आर.आर. अग्रवाल,
उद्योजक आर.आर. दाल मील अचलपुर

  • लॉकडाउन रद्द किया जाए

जिला प्रशासन द्बारा लगाए गए लॉकडाउन व्यापारियों के लिए अन्यायकारक है. कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए वैक्सीन निकल चुकी है उपचार भी कारागर सिद्ध हो रहे है लॉकडाउन की आवश्यता नहीं है. ऐसा ही चलता रहा तो किसानों से ज्यादा व्यापारी आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएगें.
– जयप्रकाश धर्मा,
संचालक धर्मा ऑटो पाटर्स

  • जिले में लॉकडाउन की आवश्यकता नहीं

अमरावती जिले में कोरोना मरीजों की संख्या कम है जिसके चलते यहां पर लॉकडाउन की आवश्यकता नहीं है. पहले ही व्यापारी परेशान है जिस शहर में कोरोना मरीजों की संख्या अधिक है ऐसे हॉटस्पॉट की जगह पर ही लॉकडाउन लगाए.
– मनोहर गीडवानी,
संचालक गीताजंलि डे्रसेस

  • मध्यवर्गीयों पर असर

चाहे मध्यवर्गीय व्यापारी हो या जनता लॉकडाउन का असर दोनो पर ही पड रहा है. देश में कुछ भी घटित हुआ तो उसमें मध्यमवर्गीय जनता ही पिसती है, सरकार को स्थानीय परिस्थिती का संज्ञान नहीं होता समय-समय पर सरकार द्बारा आदेश निकाल दिए जाते है. किंतु जिले में मरीजों की संख्या उतनी नहीं है जितनी राज्य के अन्य शहरों में है. जिसके चलते अमरावती जिले में लॉकडाउन रद्द किया जाए.
-गोविंद सिरोया,
संचालक बालाजी कॉर्पोरेशन

  • जिले में लॉकडाउन की आवश्कता नहीं

अमरावती जिले में मरीजो की संख्या अन्य शहरों की तुलना में कम है. अनावश्यक लॉकडाउन के कारण सभी को परेशानी हो रही है. इसका फायदा कुछ भी नहीं है. लॉकडाउन रद्द कर दिया जाए अगर लगाना ही हो तो सभी प्रतिष्ठान बंद कर दिए जाए. व्यापारियों की भावना से नहीं खेले.
– संजय केजडिवाल,
जिला संयोजक भाजपा व्यापारी सेल
संचालक, शक्ती आइल मिल

  • राज्य सरकार अपनी नाकामी छूपा रही

अनावश्यक लॉकडाउन घोषित करना यानि सरकार अपनी नाकामी को छूपा रही है. इस सरकार की उपलब्धी कुछ नहीं है यह अपने ऐब को छूपाने के लिए लॉकडाउन लगाकर जनता को गुमराह कर रही है. व्यापारी पहले ही परेशान है 15 प्रतिशत व्यापारी 85 प्रतिशत लोगों के लिए कार्य करता है जिसमें रोजगार हो या फिर सरकारी टैक्स हो इतना सबकुछ होने के बावजूद भी व्यापारियों को रियायत नहीं दी जाती. व्यापारियों को भी रियायत दें और फिर लॉकडाउन लगाए.
– कमल केजडिवाल,
संचालक बालाजी स्टोन क्रेशर

  • सभी व्यापारियों को नुकसान

पिछले डेढ साल से लॉकडाउन के चलते शहर का व्यापार पूरी तरह से खत्म हो चुका है. व्यापारियों की कमर टूट चुकी है. सभी छोटे-मोटे व्यापारी व बाजार हाट करने वाले व्यापारी भी परेशान है. जिले में लॉकडाउन की आवश्यता ही नहीं है सरकार द्बारा लिया गया निर्णय उचित नहीं है केवल जीवनावश्यक वस्तुओं के व्यापारियों को छोडकर बाकी सब परेशान है.
– संतोष खंडेलवाल, प्रार्पटी ब्रोकर

  • लॉकडाउन से व्यापारियों की कमर टूटी

जिला प्रशासन द्बारा जिले में दोबारा लॉकडाउन लाद देने की वजह से व्यापारियों की कमर टूट चुकी है. पिछले साल के सभी त्यौहार लॉकडाउन के चलते खत्म हो गए थे इस साल भी यही स्थिति है. ऐसी स्थिति रही तो व्यापारियों की हालत आयसीयू में पडे मरीज की तरह हो जाएगी. इस साल 14 अप्रैल से रमजान महीना शुरु हो रहा है पिछले रमजान महीने में भी लॉकडाउन की वजह से व्यापार नहीं हो पाया था. किसी भी सीजन के लिए व्यापारियो को तीन महीने पहले तैयारी करनी पडती है. अगर ऐसी स्थिति रही तो व्यापार पूरी तरह से खत्म हो जाएगा.
– दिलीप उर्फ पप्पू सेठ चंदनानी,
अध्यक्ष रेडिमेड कपडा एसो.

  • पहले भी 21 दिन का लॉकडाउन झेल चुके

मुख्यमंत्री महोदय के आदेशानुसार इसके पहले भी हम लोग 21 दिन का लॉकडाउन झेल चुके है. संबंधित जिलाधिकारी अपनी सूझबूझ से परिस्थिती का जायजा लेकर ही लॉकडाउन के संदर्भ में कदम उठाए. जिले की पालकमंत्री व राज्यमंत्री भी व्यापारियों की संवेदनाएं सरकार को बताए. जिले में अन्य जिलों की तुलना में मरीज कम है फिर भी हम पर लॉकडाउन लादा गया इसे हटाया जाए.
– मनीष अग्रवाल, अध्यक्ष सराफा एसो.

Related Articles

Back to top button