अमरावती

हॉलमार्क रहने पर ही खरीदें आभूषण

अमरावती/दि.21 – सोने के आभूषणों की विक्री करते समय उस पर हॉलमार्क का रहना अब अनिवार्य कर दिया गया है. 1 अप्रैल से नियमानुसार 14, 18 व 22 कैरेट के स्वर्णाभूषणों पर हॉलमार्क रहने पर ही उनकी विक्री की जा सकेगी. अन्यथा संबंधित सराफा व्यापारी को आभूषण की कीमत से 5 गुना दंड अथवा एक वर्ष का कारावास हो सकता है.
* 1 अप्रैल से व्यापारियों के लिए अनिवार्य
सभी सराफा व्यापारियों के लिए अपने द्बारा निर्मित किए जाने वाले व बेचे जाने वाले गहनों पर हॉलमार्किंग लगाना अनिवार्य किया गया है.
* पोर्टल पर अपलोड करनी होगी जानकारी
आगामी 1 अप्रैल से केवल 6 अंकों वाली अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग ही वैध रहेगी. इसके बिना सोने के आभूषणों की विक्री नहीं की जा सकेगी. ग्राहकों के हितों को देखते हुए उपभोक्ता व्यवहार मंत्रालय द्बारा यह निर्णय लिया गया.
* क्या है हॉलमार्क?
– भारतीय मानक ब्यूरो का लोगों
– सोने की शुद्धता
– शुद्धता जांच केंद्र
– ज्वलर्स का पहचान चिन्ह
– हॉलमार्क व वर्ष
* शुद्धता को प्रमाणित करने का साधन है हॉलमार्किंग
किसी भी धातू को विश्वासाहर्ता प्रदान करने का एक जरिया हॉलमार्किंग होता है. हॉलमार्किंग की पूरी प्रक्रिया देश भर के हॉलमार्किंग केंद्रों पर की जाती है. इसका निरीक्षण भारतीय मानक ब्यूरो द्बारा किया जाता है.
* ग्राहकों के लिए फायदेमंद है हॉलमार्किंग
हॉलमार्किंग की अनिवार्यता ग्राहकों के लिए बेहद अच्छी बात है. सरकारी द्बारा लगाई गई इस अनिवार्यता के चलते ग्राहकों के साथ कोई जालसाजी नहीं होगी. भारतीय मानक ब्यूरो का मूल हॉलमार्क त्रिकोणी आकार का होता है. जिस पर हॉलमार्किंग सेंटर के लोगों सहित सोने की शुद्धता भी लिखी होती है. साथ ही उस पर आभूषण के उत्पादन का वर्ष व निर्माता का लोगो भी रहता है. जिससे ग्राहकों के लिए गहनों के लेकर पूरी पारदर्शकता बनी रहती है.

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