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विधान परिषद में अवसर न देने से

पश्चिम विदर्भ के भाजपाई नाराज!

* पूर्व विदर्भ को अधिक अहमियत
अमरावती/दि.19 – बीजेपी द्वारा विधान परिषद के रिक्त स्थानों की पूर्ति में मिले 3 सीटों में से एक भी सीट पर पश्चिम विदर्भ के पार्टी नेताओं को अवसर न दिए जाने से कथित रुप से असंतोष व्यक्त हो रहा है. उल्लेखनीय है कि, बीजेपी ने पूर्व विदर्भ से दो नेताओं संदीप जोशी और दादाराव केचे को अवसर दिया. जबकि पश्चिम विदर्भ में पार्टी लीडर ऐसे मौके का बेताबी से इंतजार कर रहे थे. यह भी उल्लेखनीय है कि, पश्चिम विदर्भ में अमरावती से लेकर बुलढाना, देऊलगांव राजा तक क्षेत्र है. विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र में भाजपा और महायुति को जबरदस्त सफलता मिली थी.
* लीडरों ने बहाया पसीना
पश्चिम विदर्भ के नेताओं ने लोकसभा चुनाव से सबक लेकर विधानसभा में जबरदस्त एकी का प्रदर्शन किया. खूब मेहनत की. कंधे से कंधा लगाकर काम किया. जिससे पार्टी ने अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की. विपक्ष का सूपडा साफ हो गया. ऐसे में चुनाव में रात-दिन परिश्रम करनेवाले नेताओं में अपेक्षा थी कि, विधान परिषद में उन्हें चान्स मिलेगा किंतु उनका मानस अधूरा रह गया.
* महायुति में अवसर
बता दें कि, महायुति की बात करें तो राकांपा अजित पवार गट ने अमरावती के खांटी लीडर संजय खोडके को उच्च सदन का सदस्य बनाया है. खोडके का कार्यकाल भी लगभग सवा 5 वर्ष का होगा. जिससे स्पष्ट है कि, अगले विधानसभा चुनाव तक वे विधायक के रुप में कार्यरत रहेंगे. बीजेपी की बात करें तो विधान परिषद के स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में उसे कुछ वर्ष पहले पराजय का सामना करना पडा. ऐसे में विधान परिषद पर पार्टी प्रत्याशी भेजने का अवसर बीजेपी को मिला था.
* पूर्व विदर्भ का बोलबाला
पश्चिम विदर्भ में बीजेपी के अलावा अन्य दलों के नेता भी चर्चा कर रहे हैं. उनका कहना है कि, प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए भी बीजेपी को पूर्व विदर्भ के नेता का चयन सही लगा. अब उपराजधानी नागपुर के संदीप जोशी और वर्धा जिले के आर्वी के पूर्व विधायक दादाराव केचे को उच्च सदन में भेजा गया है. स्पष्ट है कि, पश्चिम की तुलना में पूर्व विदर्भ में बीजेपी का पलडा भारी हैं. जबकि पश्चिम विदर्भ ने महायुति को बराबर साथ दी है. अमरावती के अलावा अकोला में भी बीजेपी के लीडरान इस प्रकार की अनदेखी से नाराज बताए जा रहे है. वे खुलकर नहीं कह रहे किंतु उनमें भीतरी असंतोष होने का दावा पार्टी सूत्र कर रहे हैं. उनका कहना है कि, अकोला से लगातार सांसद और विधायक चुनकर दिए गए हैं. भाजपा का अकोला, बुलढाणा ने हमेशा अच्छा साथ दिया है. लोकसभा चुनाव में भी अकोला के साथ बुलढाणा सीट पर युति का कब्जा कायम रहा. ऐसे में पश्चिम विदर्भ की भाजपा द्वारा की जा रही अनदेखी उचित नहीं मानी जा रही.

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