अमरावती

प्रतिगमन करने से दोष दूर होगे और कर्मबंधन बंद हो जाएंगा

सांस्कृतिक भवन में आयोजित 3 दिवसीय प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में पूज्य दीपक भाई का कथन

अमरावती – /दि.15 शहर के सांस्कृतिक भवन में अमरावती सत्संग केंद्र द्बारा आयोजित 3 दिवसीय प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में पूज्य दीपक भाई ने किसानों के बारे में कहा कि, किसान रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग करते है. वह ठीक है. किसान का फर्ज है यह करना, किसान खेतों में कीटकों को मारते है, मेहनत भी करते है. तभी देश में कारोडो की जनता जिंदा है. इतने लोगों का पेट भरने का पुण्य काम किसान कर रहे है. कीटनाशक का इस्तेमाल करने से थोडा पुण्य कम हो जाता है. यह व्यापार लगातार चलता रहेगा. लेकिन किसानों में थोडा समय रात को निकालकर प्रतिगमन करना चाहिए. इससे दोष दूर होगे और कर्म भी बंधना बंद हो जाएंगे. यदि किसानों को लगता है कि उत्पादन क्षमता बढाने के लिए वह रासायनिक खाद व कीटनाशकों का छिडकाव करते है तब अनेक जीव मर जाते है, तो वर्तमान में अनेक लोग ऑर्गेनिक खेती कर रहे है. वह करनी चाहिए. उसमें जीवों की मृत्यु नहीं होगी. शुरुआत में केवल थोडा नुकसान किसान को उठाना पडेगा.
सांस्कृतिक भवन में आयोजित इस तीन दिवसीय प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम के पहले दिन शुक्रवार को भक्तगणों की भीड काफी थी. यहां अनेक लोग अपनी शंकाओं का समाधान करने के लिए पहुंचे थे. पूछे गये विभिन्न प्रश्नों का जवाब पूज्य दीपक भाई उन्हें दे रहे थे. किसानों पर वर्तमान में मूसलाधार बारिश व ओलावृष्टि के कारण आये संकट तथा सरकार की गलत नीतियो को लेकर एक किसान द्बारा आंदोलन करने की आवश्यकता है क्या? ऐसा सवाल पूछे जाने पर दीपक भाई ने कहा कि, आंदोलन करने की बजाय किसानों ने एकजूट होकर पहले बात को समझना चाहिए. सरकार किसी की भी हो, इनसे चर्चा कर हल निकालना चाहिए. उन्होंने कहा कि, दादाजी कहा करते थे कि, भारत आने वाले समय में काफी प्रगति करेगा और दुनिया का केंद्र बनेगा. हम अनेक रिश्तों में बंधे है. इन रिश्तों में आसक्ति होती है. जहां रिश्तें होगे वहां आसक्ति होगी. यदि रिश्तों में आसक्ति रही, तो कर्म बंधते है. इस कारण हमें दोबारा जन्म लेकर इन कर्मों को भोगना पडता है. आप अनेक बार जन्म ले चुके हो और अनेकों के रिश्तेदार हो चुके हो. लेकिन आप कौन हो, यह आपने नहीं जाना. हम खुद कौन हैं यह जानना ही महत्वपूर्ण है.
एक युवती ने सवाल किया कि, दोस्तों के साथ कैसा व्यवहार रखे. इस पर दीपक भाई ने कहा कि, दोस्ती रखना अच्छी बात है. लेकिन दोस्ती में आसक्ति नहीं होनी चाहिए. सामान्य लोग जो दोस्ती करते हुए उसमेें आसक्ति होती है. आप ऐसा मत करों, यदि दोस्त आपसे अपेक्षा रखे, तो ठीक है. लेकिन आप उनसे कोई अपेक्षा मत रखिएं. यदि वह आपके अनुसार नहीं चलता है, तो विचार मत करों, दोस्ती नहीं छोडनी चाहिए. इसी युवती ने एक ओर सवाल उपस्थित किया कि, उसके पिता सिगारेट का काफी व्यसन करते है. अनेक बार यह व्यसन छोडने कहा गया, लेकिन वह यह नहीं कर पा रहे है. तब दीपक भाई ने कहा कि, दादा भगवान ने कोई भी व्यसन छोडने के लिए 4 उपाय बताये है. पहले तो हर दिन प्रार्थना किजिए कि व्यसन छूट जाये, अपने व्यसन के लिए हर दिन माफी मांगे, फिर अभिप्राय निश्चित करें, विचार करें कि, यदि यह व्यसन नहीं किया तो क्या होगा और किया तो क्या होगा. व्यसन से होने वाले नुकसान के बारे में सोचे और अंत में व्यसन करने पर माफी मांगे. कोई यदि टोकता है, तो सामने कुछ ना कहें. अपनी गलती मानें और उसे चलने दें. धीरे-धीरे व्यसन कम होते चले जाएंगे. एक महिला द्बारा ध्यान कैसे किया जाए, यह सवाल करने पर दीपक भाई ने कहा कि, केवल हाथ जोडकर आंखे बंद कर लेना ध्यान नहीं होता. इसे केवल एकाग्रता कहते है. जब आप ज्ञान प्राप्त करोंगे और आपकों आत्मा का ध्यान होगा. जिसका आपने विस्मरण किया है वह सच्चा ध्यान होगा. इस तरह के अनेक लोगों ने विभिन्न सवाल पूज्य दीपक भाई से पूछे. उनका जवाब उन्होंने बडे ही आत्मियता से देकर सभी का समाधान किया. प्रश्नोत्तरी का यह कार्यक्रम शाम 6 से रात 9 बजे तक चला. कार्यक्रम में दीपक भाई के आप्त पुत्र देवेन भाई, कावीन, चिंतन, विरल और जिग्नेश के अलावा प्रदीपभाई राजा, मणिकांत दंड, प्रशांत जाधव, सुरेंद्र पोपली सहित सैकडों लोग उपस्थित थे.

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