अमरावतीमुख्य समाचार

तब तक पानी सिर से उपर जा चुका था

राज्यमंत्री बच्चु कडू ने स्पष्ट की अपनी भूमिका

* फिलहाल सेना के बागी नेता शिंदे के साथ है गुवाहाटी में
अमरावती/दि.23– मैं पहले भी एकनाथ शिंदे की वजह से ही महाविकास आघाडी की सरकार में शामिल हुआ थाा और इस समय भी मैं उनके ही साथ हूं. मैं किसी का व्यक्तिगत विरोधी नहीं हूं, लेकिन इस सरकार में कहीं पर भी कोई आपसी तालमेल नहीं था. ऐसा हर कदम पर अनुभव आ रहा था. ऐसे में मैने खुद मुख्यमंत्री को फोन करते हुए खुद को शिंदे के साथ बताया. जिसे लेकर उन्होंने अपनी नाराजगी भी जताई. लेकिन तब तक पानी सिर के उपर से गुजर चुका था. इस आशय का प्रतिपादन राज्यमंत्री बच्चु कडू द्वारा किया गया.
इस समय सेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे गुट के साथ गुवाहाटी में मौजूद निर्दलीय विधायक व राज्यमंत्री बच्चु कडू विगत मंगलवार को पुणे से मुंबई पहुंचे थे और तब तक वे हालात का जायजा ले रहे थे. लेकिन इसके बाद वे अचानक ही गुजरात के सूरत पहुंचे. जहां पर वे अपनी ही पार्टी से मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल के साथ शिंदे समर्थक गुट में शामिल हो गये और इस गुट के साथ सूरत से गुवाहाटी के लिए रवाना हुए. अपनी इस भूमिका को लेकर बच्चु कडू का कहना रहा कि, मुख्यमंत्री द्वारा शिवसेना के विधायकों को ही समय नहीं दिया जाता था, तो अन्य दलों के विधायकों की क्या स्थिति रहती होगी. इस बात की केवल कल्पना की जा सकती है. इस सरकार में खुद मंत्रियों के काम नहीं हो रहे थे और विकास कामों के लिए निधी नहीं मिल रहा था. जिससे असंतोष लगातार बढता चला गया और इसका परिणाम विधायकों की बगावत के तौर पर सामने आया.

* यवतमाल के शिवसैनिक हैं संभ्रम में
सेना नेता एकनाथ शिंदे द्वारा की गई बगावत के चलते महाविकास आघाडी सरकार खतरे में आने के साथ-साथ अब शिवसेना भी दो हिस्सों में बंट गई है. ऐसे में शिवसैनिक बडे संभ्रम में देखे जा रहे है कि, आखिर वे किस ओर खडे रहे. सबसे रोचक स्थिति यवतमाल जिले में देखी जा रही है. जहां पर यवतमाल के पालकमंत्री संदीपान भुमरे बागी गुट में शामिल हो गये है. वहीं दूसरी ओर पूर्व मंत्री व विधायक संजय राठोड ने अब तक अपनी भूमिका स्पष्ट नहीं की है. हालांकि मंगलवार को ऐसी खबरें सामने आयी थी कि, संजय राठोड भी बागी गुट में शामिल हो गये है, लेकिन उसी शाम वर्षा बंगले पर हुई बैठक में संजय राठोड उपस्थित थे. इसके बाद बुधवार की सुबह संजय राठोड के गुवाहाटी हेतु रवाना होने की खबरें सामने आयी, लेकिन दोपहर में एकनाथ शिंदे द्वारा अपने समर्थक विधायकों के नामों की जो सूची जारी की गई, उसमें संजय राठोड नाम का समावेश नहीं था. ऐसे में माना जा रहा है कि, संजय राठोड इस समय भी शिवसेना के पार्टी प्रमुख व मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे के साथ बने हुए है. यानी यवतमाल जिले में ही अब शिवसेना दो हिस्सों में बंटने और टूट जाने की कगार पर पहुंच चुकी है. जिसके चलते आम शिवसैनिक यह सोचने पर मजबूर हो गया है कि, आखिर वह किस ओर खडा रहे.

Related Articles

Back to top button