अमरावती

फलों-फूलों से बननेवाली शराब पर कैबिनेट की मुहर

अब महुआ शराब हुई वैध

* राज्य को मिलेगा अतिरिक्त राजस्व
अमरावती/ दि. 21-मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे की कैबिनेट ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए महुआ फूल से बनाई जानेवाली देशी शराब को वैध करार दिया. इसके अलावा गोवा में काजू से बनाई जानेवाली लोकल शराब फैनी को भी वैध कर दिया गया है. इनको विदेशी शराब के रूप में श्रेणीबध्द कर बिक्री के लिए रजामंदी दी गई है. काजू और महुआ शराब को वर्ष 2005 में देशी शराब का दर्जा दिया गया था. इससे इसके विपणन और मूल्यवृध्दि पर अंकुश लग गया था. अब इनसे बननेवाली शराब को स्थानीय शराब के रूप में संबोधित किया जायेगा.
फल और फूलों से बनी दारू की मूल्यवृध्दि होने में इससे मदद मिलेगी. वहीं सरकार को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा. इसके अलावा एक स्वतंत्र व्यवसाय भी निर्माण होगा. जिससे लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे. इसके अलावा फल या फूलों से बनी शराब का दूसरे में मिश्रण करने की भी सहूलियत होगी. इसमें आबकारी शुल्क में राहत मिलेगी. नई नीति के अनुसार एक खिडकी योजना के माध्यम से सभी लायसेंस दिए जायेंगे. इस प्रस्ताव के अनुसार महाराष्ट्र दारूबंदी अधिनियम 1949 के अंतर्गत वर्तमान नियम में आवश्यक परिवर्तन के लिए भी स्वीकृति प्रदान की गई है.

* खुलेंगे सुपर प्रिमीयम वाइन शॉप
राज्य में विदेशी सीलबंद शराब की खुदरा बिक्री के लायसेंस के लिए क्षेत्रफल और अन्य सुविधाओं के आधार पर दो नई श्रेणियां बनाने को कैबिनेट ने मान्यता प्रदान कर दी. सुपर प्रीमियम आउटलेट और एलीट आउटलेट नामक दोनों श्रेणियों के तहत बिक्री से सरकार को अतिरिक्त राजस्व मिलेगा. इस फैसले के अनुसार वर्तमान में एफएल-2 की लायसेंस धारक द्बारा मांग किए जाने पर क्षेत्रफल के आधार पर श्रेणी को बढाकर उसका रूपांतर अति उच्च श्रेणी की शराब बिक्री अथवा उच्च श्रेणी की मद्द बिक्री के उपवर्ग में किया जायेगा.

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