अमरावती

सीएआई का अनुमान

बाजार में अभी भी 14.38 लाख कपास रूई की आवक बाकी

* उत्पादन को लेकर भी संभ्रम निर्माण
अमरावती/दि.17– कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने (सीएआई) 2022-23 के सीजन में देश में कपास उत्पादन 311.18 लाख रूई होने का अनुमान व्यक्त किया है. वहीं दूसरी ओर जुलाई 2023 के अंत तक 296.80 लाख रूई की बाजार में आवक हुई. इस अनुमान के अनुसार अभी भी 14.38 लाख कपास के रूई की बाजार में आवक बाकी है. वर्तमान में कपास को अपेक्षित दर नहीं मिल पाया. आगामी सीजन में देश में कपास का उत्पादन घटने का अनुमान रहने पर भी किसान संभ्रम अवस्था में है. सीएआई ने मई महिने में देश के कपास उत्पादन का अनुमान कम कर 298 लाख कपास की गाठें घोषित की थी, तथा देश में उपयोग योग्य 311 रुई बताई गई थी. यानि देश में कपास उत्पादन कपास उपयोग की अपेक्षा कम था. परिणामस्वरूप कपास को अच्छे दाम रहेंगे, ऐसा कहा रहा था. जुलाई माह में सीएआई ने अपना सुधारित अनुमान घोषित कर कपास उत्पादन में 12 लाख 53 हजार रूई की बढोतरी की, जिससे संभ्रम का वातावरण तैयार हुआ है. सीएआई ने हाल ही में मुंबई में कपास मूल्यश्रृंखला के सभी घटकों की बैठक ली. इस बैठक में देश के बाजार में कितना कपास आया और उत्पादन कितना हुआ, इसकी समीक्षा की गई. सीएआई के अनुमान के अनुसार 2022-23 के सीजन में 311 लाख रूई का इस्तेमाल तथा 311.18 लाख रूई कपास उत्पादन होने का अनुमान है. भारत में 15 लाख गाठें कपास की आयात तथा देश से 16 लाख कपास गाठें की निर्यात होगी, ऐसा सीएसआई ने कहा है. 2021-22 के सीजन की तुलना में निर्यात में करीब 27 लाख रूई की गिरावट हुई है. अक्टूबर 2022 से जुलाई 2023 इस समयावधि में 296.80 लाख कपास रूई की आवक हुई है. सरकार का अनुमान 342 लाख रूई का है तथा कपास उत्पादन व इस्तेमाल समिति अर्थात सीसीपीसी का अनुमान 337 लाख रूई का है. इसलिए इस बार के कपास सीजन के शुरुआत में ही संभ्रम का वातावरण निर्माण हुआ है.
* 311.18 लाख का अनुमान काय रखा है
सीएआई के क्रॉप कमेटी ने शनिवार 12 अगस्त को बैठक ली. जिसमें देश के विविध कपास उत्पादक प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 20 सदस्य मौजूद थे. समिति ने 2022-23 के सीजन के कपास फसल का विविध व्यापार स्त्रोत संलग्नित संगठन और अन्य भागधारकों से उपलब्ध जानकारी के आधार पर अनुमान कपास तालेबंद तैयार किया. सीएआई ने विगत माह में घोषित किए 311.18 लाख रूई के कपास उत्पादन का अनुमान कायम रखा है.
– अतुल गणात्रा, अध्यक्ष,
कॉटन असोसिएशन ऑफ इंडिया.

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