पर्यावरण के संवर्धन के लिए आए आगे- कुलगुरू डॉ. मिलींद बारहाते
विद्यापीठ के पर्यावरण पुरस्कार 2023 संस्था गट में श्री शिवाजी विज्ञान महाविद्यालय को तथा व्यक्तीगत गट में गजानन भारसाकले को मिला पुरस्कार
अमरावती/दि.28– पेड लगाना व जिंदा रहना बहुत ही महत्व का हो चुका है. पर्यावरण असंतुल व निसर्ग का बिगडता हुआ चक्र यह मानवी जीवन पर, पशु, पक्षी, खेती व औद्योगिक क्षेत्र पर हो रहे परिणाम को देखते हुए पर्यावरण संवर्धन व जतन करने के लिए सभी आगे आए, इस तरह का प्रतिपादन विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. मिलिंद बारहाते ने दृकश्राव्य सभा में आयोजित पर्यावरण पुरस्कार वितरण कार्यक्रम के समय बोले. इस समय मंच पर प्र-कुलगुरू डॉ. प्रसाद वाडेगावकर, पर्यावरण पुरस्कार चयन समिती अध्यक्ष डॉ.आर.डी.सिकची, सदस्य डॉ.व्ही.एम. मेटकर, विषयतज्ञ डॉ. जयंत वडतकर, प्रा. नरेशचंद्र पाटील, सत्कारमूर्ती प्राचार्य डॉ.जी.व्ही. कोरपे, गजानन भारसाकले, कार्यकारी अभियंता शशीकांत रोडे, जनसंपर्क अधिकारी डॉ. विलास नांदुरकर व उद्यान अधीक्षक अनिल घोम उपस्थित थे.
कुलगुरू डॉ. मिलींद बारहाते के हाथों संस्था गट में श्री शिवाजी विज्ञान महाविद्यालय अमरावती के प्राचार्य डॉ.जी.व्ही. कोरपे को 1500 रुपये नगद, प्रमाणपत्र, स्मृतिचिन्ह, शाल व श्रीफल देकर, तथा व्यक्ती गट में दर्यापूर के गजानन भारसाकले को 10000 रुपये नगद, प्रमाणपत्र, स्मृतिचिन्ह, शाल व श्रीफल देकर पर्यावरण पुरस्कार सन्मान प्रदान किया गया. इस दौरान पुरस्कार प्राप्त सत्कारमूर्ती प्राचार्य डॉ.जी.व्ही. कोरपे तथा सत्कारमूर्ती गजानन भारसाकले ने भी अपने अनुभव को विद्यार्थियों के समक्ष साझा किया. राष्ट्रगीत व विद्यापीठ गीत के साथ कार्यक्रम में ने अतिथियों के हाथओं संत गाडगे बाबा की प्रतिमा का पूजन, दीपप्रज्वलन व वृक्षपूजन किया गया. प्रास्ताविक भाषण कार्यकारी अभियंता शशीकांत रोडे ने करते हुए पर्यावरण पुरस्कार विषय पर सविस्तर जानकारी दी. संचालन जनसंपर्क अधिकारी डॉ. विलास नांदुरकर, आभार उद्यान अधीक्षक अनिल घोम ने माना. कार्यक्रम में श्री शिवाजी शिक्षण संस्था सचिव व्ही.जी. ठाकरे, आजीवन अध्ययन संचालक डॉ. श्रीकांत पाटील, रासेयो संचालक डॉ. निलेश कडू, प्राचार्य डॉ. अरविंद देशमुख, पूर्व प्राचार्य डॉ. वसंत घुरडे, वसुधा घुरडे, शिवाजी विज्ञान महाविद्यालय के प्राध्यापक, दर्यापूर के विविध संस्था पदाधिकारी, व विद्यापीठ के अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी, विद्यार्थी तथा पर्यावरणप्रेमी नागरिक बडी संख्या में उपस्थित थे.