फल फसल बीमा योजना के निकषों में बदलाव करें रद्द
पूर्व कृषि मंत्री डॉ. अनिल बोंडे ने मुख्यमंत्री को भेजा निवेदन
अमरावती प्रतिनिधि/दि.२७ – मौसम पर आधारित फल फसल बीमा योजना के निकषों में किया गया बदलावों से जहां किसानो का नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर बीमा कंपनियों का लाभ होता देखने को मिल रहा है. इसलिए फल फसल बीमा योजना के निकषों के बदलावो को तत्काल रद्द करने की मांग को लेकर पूर्व कृषिमंत्री डॉ. अनिल बोंडे ने जिलाधिकारी के माध्यम से राज्य मे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को निवेदन भेजा है. निवेदन मेंं बताया गया है कि राज्य में मौसम पर आधारित फसल बीमा योजना बीते अनेक वर्षो से चलायी जा रही है. परंतु अगले तीन वर्षो के लिए इस योजना के ट्रीगल प्रमाण बदल दिए गए है. ट्रीगल बदलाव से किसानों को फसल बीमे का लाभ नहीं होगा व कंपनियां फायदे में रहेगी. यह बदलाव सरकार ने किया है. इसलिए फसल बीमा योजना के बदलाव को रद्द किए जाने चाहिए. वहीं जून से अक्तूबर में हुए अतिवृष्टि का नुकसान सिंचित हेक्टयर के लिए २५ हजार रुपए, बगायतों के लिए ५० हजार रुपए और फल बागानों के लिए १ लाख रुपए की मदद दी जानी चाहिए. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अतिवृष्टि प्रभावितों के लिए यह मदद की मांग वर्ष २०१९ में की थी. लेकिन इस वर्ष जून से अक्तूबर में बाढ के हालातों में हुए नुकसान के लिए जिरायत व बगायत के लिए १० हजार रुपए व फल बगानों के लिए २५ हजार रुपए की अल्प मदद की घोषणा की है. लेकिन अमरावती विभाग के विभागीय आयुक्त ने ४ लाख ८७ हजार ३२ हेक्टयर सिंचित व बगायती क्षेत्रों को बाधित दिखाया है. इसके अलावा फल बगानों के लिए १४९३२ हेक्टयर क्षेत्र दिखाया गया है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने १० हजार प्रति हेक्टयर घोषित की है इस मदद के निकष विदर्भ के बाधित क्षेत्रों में भी लागू कर कपास व सोयाबीन के नुकसान का अनुदान देने की मांग की गई.