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शिंदे समिति रद्द करो, या अपना इस्तीफा दो

विधायक बच्चू कडू ने मंत्री भुजबल को दी खुली चुनौती

अमरावती/दि.27– इस समय राज्य में आरक्षण को लेकर मराठा व ओबीसी नेताओं के बीच आपसी संघर्ष चल रहे है तथा दोनों पक्षों के नेता एक-दूसरे को लेकर बेहद प्रक्षोभक बयान दे रहे है. जिसके तहत जहां एक ओर मराठा आंदोलक मनोज जरांगे पाटिल व राज्य के मंत्री छगन भुजबल के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. वहीं दूसरी ओर हिंगोली में हुए ओबीसी एल्गार सम्मेलन में ओबीसी महासंघ के अध्यक्ष बबनराव तायवाडे ने प्रक्षोभक बयान में कहा कि, यदि किसी ने ओबीसी के विरोध में बोलने की हिम्मत की, तो उसके हाथ-पांव काटकर रख देने की ताकत ओबीसी समाज ने रखनी चाहिए. जिस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता व विधायक बच्चू कडू ने मंत्री छगन भुजबल के इस्तीफे की मांग की है. साथ ही कहा कि, छगन भुजबल खुद राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री है और राज्य सरकार ने ही मराठा आरक्षण का मसला हल करवाने के लिए न्या. शिंदे समिति गठित की है. ऐसे में छगन भुजबल को चाहिए कि, वे या तो शिंदे समिति को बर्खास्त करे, या फिर खुद अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे.
इसके साथ ही विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, किसी के हाथ-पांव तोड देना बेहद आसान काम है. जिसमें कोई ताकत नहीं लगती. बल्कि छगन भुजबल जैसे वरिष्ठ नेता ने सोचना चाहिए कि, लोगों को खुद से तोडने की बजाय अपने साथ जोडने का काम कैसे किया जा सकता है. विधायक बच्चू कडू के मुताबिक ओबीसी समाज में यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि, उनके आरक्षण में मराठा समाज घुस रहा है, जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, बल्कि कोंकण व विदर्भ का मराठा समाज किसी समाने में कुणबी हो गया था और केवल 4-5 जिलोंं के मराठा ही आरक्षण के दायरे से बाहर रह गये थे. जिन्हें आरक्षण में शामिल करने हेतु सारी उठापठक चल रही है और उसका राजनीतिक श्रेय लेने का प्रयास हो रहा है. जिसकी वजह से पूरे राज्य के वातावरण को खराब किया जा रहा है.

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