अमरावती/दि.16– जलगांव, अकोला, अमरावती इन जिलों में जाती के नाम पर कोई भी जाती के लोग आदिवासी प्रमाण पत्र हासील कर रहे है. जबकि कोली समाज सही आदिवासी नहीं है. कोली समाज को आदिवासी जाती प्रमाण पत्र न देने व दिए गए प्रमाण पत्रों को रद्द करने की मांग सकल आदिवासी संघर्ष समिती ने जिलाधिकारी से की है.
गुरुवार की दोपहर सौंपे गए निवेदन के मार्फत कहा गया कि इन दिनों आरक्षण का मुद्दा चलने की वजह से कोई भी उठ कर आता है और आदिवासी का जाती प्रमाण पत्र हासील कर लेता है. इसके लिए विभिन्न जातियों के लोग धरना, आंदोलन करते है. इसका मतलब यह नहीं की वही आदिवासी समाज के लोग है. अगर सभी को आदिवासी प्रमाण पत्र दे दिया गया तो जो असली आदिवासी है उनके साथ अन्याय होगा. जिसका सबुत हाल ही में दर्यापूर में दिए गए एक कोली समाज के व्यक्ति को आदिवासी समाज का जाती प्रमाण देखकर मिल सकता है. इस लिए जलगांव, अकोला,अमरावती इन जिलों में जाती के नाम पर दिए गए आदिवासी जाती प्रमाण पत्रों को रद्द किया जाए. निवेदन में कहा गया कि दर्यापूर व भातकुली तहसील में नकली जाती प्रमाण पत्र लेने का मामला बढता जा रहा है. निवेदन के मार्फत मांग की गई है कि भावना के आधार पर कोली समाज को दिए गए जाती प्रमाण पत्र को रद्द किया जाए व जो नकली जाती प्रमाण पत्र बना रहे है. उन्हें एट्रोसिटी के तहत उन पर मामला दर्ज करें. निवेदन देते समय अर्जुन युवनाते, रोहित झाकर्डे, प्रवीण पवार, सोम सोलंके, उमेश सोलंके, चेतन सोलंके,ऋषीकेश लाव्हरे, युवराज मोहोड, लक्ष्मण सोलंके, नलिनी सिडाम, मनीष धुर्वे, वैभव लोखंडे, अतुल परतेकी, पवन सोलंके, दिनेश पवार सहित सकल आदिवासी संघर्ष समिती के सदस्य उपस्थित थे.