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कोली समाज को मिलने वाले जाती प्रमाण पत्र करे रद्द

जय वलेखन आदिवासी क्रांति संगठन ने विभागीय आयुक्त से की मांग

अमरावती/दि.23– जिले सहित जलगांव, अकोला में जाती के नाम पर धर्म का फायदा उठाकर कोली समाज को मिलने वाले अनुसूचित जमाती के जात प्रमाण पत्र रद्द करने की मांग जय वलेखन आदिवासी क्रांति संगठन ने विभागीय आयुक्त से की है.
शुक्रवार को निवेदन सौंपते समय संगठन की ओर से मांग की गयी कि हाल में राज्य का वातावरण आरक्षण के विषय में डुबा हुआ है. अमरावती जिले तथा विदर्भ में रहने वाले कोली जाती के लोग आदिवासी होने का दावा कर रहे है तथा उसके लिए उन्होनें आमरण उपोषण का रास्ता भी अपनाया. सरकार ने उन्हें बिना नियम व शर्तो के अनुसूचित जमाती का जाती प्रमाण पत्र दे दिया. यह सच्चे आदिवासियों पर अन्याय होने जैसा है. अभी कैसे भी लोग आकर जाती का दावा कर आदिवासी जाती प्रमाण पत्र ले रहे है. जिसके कारण आदिवासियों का अस्तीत्व खतरे में आ गया है. अकोला,अमरावती व जलगांव में कोली समाज को अनुसूचित जमाती का जाती प्रमाण पत्र दिया गया है. राजकिय दबाव में यह आदिवासियों के साथ अन्याय है. जबकी कोली समाज को सुप्रीम कोर्ट ने 5 जुलाई 2017 को दिए गए निर्णयानुसार अवैध आदिवासी ठहराया था. ऐसा आरोप भी निवेदन में लगाते हुए कहा गया कि दर्यापूर, भातकुली तहसील में बडे प्रमाण पर कोली समाज को आदिवासी जाती प्रमाण पत्र दिया गया है. इस जाती प्रमाण पत्र को देने वाले उपविभागीय अधिकारी पर एट्रोसिटी का मामला दर्ज कर कोली समाज को दिए जाने वाले आदिवासी प्रमाण पत्र को रद्द करने की मांग की गयी है. साथ ही मांग पुरी न होने पर रास्ता रोको आंदोलन करने की चेतावनी भी निवेदन के मार्फत दी गयी. इस समय रोहित झाकर्डे, सोम सोलंके, शालीकराम सोलंके, प्रवीण पवार, शिवसिंग पवार, अंकुश राठोड, प्रवीण राठोड, संदीप मालवे, चेतन सोलंके, सागर मालवे, रवी राठोड, गजानन झाकर्डे, सुमित झाकर्डे, उमेश सोलंके, राहुल सोलंके, रुपेश सोलंके आदि उपस्थित थे.

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