अमरावती

सम्मेदशिखरजी का पर्यटन का दर्जा रद्द करें

सकल जैन समाज ने दोनों सांसदों को सौंपा ज्ञापन

अमरावती/दि.5 – पिछले कुछ दिनोसे जैन समाज के सर्वोच्च पवित्र पर्वतीय क्षेत्र सम्मेद शिखरजी जो झारखंड के गिरिडोह ग्राम में है, सदियों से इस क्षेत्रपर जैन समाज के अनेको मंदिर ,भगवान की चरण पादुकाओ की छतरियां, प्रार्थना स्थल, धर्मशाला आदि स्थित है, हाल ही में केंद्र तथा झारखंड सरकार ने इस क्षेत्र को जैन समाज को विश्वास में ना लेते हुए, पर्यटन स्थल घोषित करने का निर्णय लिया. इसी संदर्भ में इसका विरोध करने के लिए सकल जैन समाज की ओरसे अध्यक्ष महेश कोठारी व सचिव अभिनंदन पेंढ़ारी के नेतृत्व में अमरावती की सांसद नवनित राणा व राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे को भेट कर उनको निवेदन दिया गया.
दोनों सांसद को सकल जैन समाज के अध्यक्ष महेश कोठारी व सचिव अभिनंदन पेंढ़ारी ने बताया कि सम्मेद शिखर को पर्यटन का दर्जा देनेका सकल जैन समाज तीव्र विरोध करता है, क्योंकि यदि यह पर्यटन क्षेत्र हो जाता है तो, यहां पर मांस, मदिरा का सेवन किया जाएगा, जिससे इसकी पवित्रता के ऊपर एक बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह लग जाएगा, जो जैन समाज की आस्थाओ को खंड खंड कर देगा, इसके लिये सम्पूर्ण भारत तथा विश्व का जैन समाज रस्ते पर उतर कर निषेध आंदोलन कर रहा है. 21 दिसंबर को 1 दिन पूरे देश में अपने प्रतिष्ठान जैन समाज निषेध. स्वरूप बंद भी कर चुका है. संपूर्ण जैन समाज मे एक भय के साथ बहुत बड़ा आक्रोश निर्मांण हो रहा है, जैन समाज इस क्षेत्र के पवित्रता बनाये रखने की गुहार झारखंड सरकार एव केंद्र सरकार को लगा रही, इस बात का संज्ञान तथा समर्थन देश के सभी राष्ट्रीय चैनेल ने भी किया है, यहां से जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष प्राप्त किया है ,जैन समाज जो शांतिप्रिय समाज है, राष्ट्र विकास में जैन समाज का सदैव योगदान रहा है.
सकल जैन समाज की मांग हैं कि, आप सांसद होने के नाते इस विषय पर प्रधान मंत्री व झरखंड के मुख्यमंत्री से इस बारे में बात कर जैन समाज की भावनाए उनतक पहुचाये व पर्यटन स्थल रद्द करने की अधिकृत घोषणा केन्द्रीय स्तर एव झारखंड सरकार के स्तरपर लिखित स्वरूप में देकर , निरस्त कर इस सम्पूर्ण समेद शिखरजी पर्वत एव परिसर को जैन पवित्र क्षेत्र घोषित करनेका आग्रह करती है.
उसी प्रकार पालीतना व गिरनार तीर्थस्थान में जैन साधु, साध्वीजी एवम दर्शनार्थी के साथ असभ्य वर्तन कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा किया जारहा है, जो निंदनीय है, ऐसे असमाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होना चाहिए, उपरोक्त संदर्भ में सकल जैन समाज के पदधिकारीयोकि मुलाकात गृहमंत्रीजी के साथ करवानेका आग्रह भी सांसद से किया. नवनीत राणा ने कहा कि वे जैन समाज के इस निवेदन का समर्थन करती है और इसके लिये वे केंद्रीय पर्यटन व पर्यावरण मंत्री से बात कर इस बारेमे पत्र भी. लिखेगी, उसी प्रकार डॉ. अनिल बोंडे ने भी जैन समाज की. इस मांग का समर्थन कर सम्मेद शिखर का पर्यटन का दर्जा रद्द करने हेतु व संबधित मंत्रालय से पत्रव्यवहार कर जैन समाज की भावना से सभीको अवगत कराएंगे और दिल्ली में व्यक्तिगत तौर पर मंत्रियों से इस बारे में चर्चा कर इसका हल निकलनेका प्रयास करेंगे. दोनों सांसद को निवेदन देते वक्त सुरेश जैन, डॉ. रविन्द्र चोरडिया, चंदू सोजतिया, संजय आंचलिया, अनिल सुराणा, सतीश व सचिन संघई, सुभाष कोठारी, कल्पेश देसाई, भरत भायानी, विनोद जांगड़ा, संदीप वैद्य,स्वाति आंचलिया, मंजू ओस्तवाल, मंजूषा गुलालकरी, अक्षय गहाणकर, संजय जैन, उल्हास क्षीरसागर, एड. नुकुल फुलाड़ी, आंनद वारकरी, प्रशान्त खंडारे उपस्थित थे. सभी ने इस बारे में अपनी तीव्र भावना सांसद के पास प्रकट कर इस का हल तुरंत निकलनेकी गुहार सांसद से लगाई. सकल जैन सामज के सचिव अभीनंदन पेंढ़ारी से कहा कि, जब तक पर्यटन का दर्जा रद्द नही होता. तब तक जैन समाज का आंदोलन जारी रहेगा. इस आंदोलन में जैन साधु पूज्य सुधनेय सागरजी म. साब की राजस्थान में उपोषण में जान गई,उनका बलिदान हम व्यर्थ नही जाने देंगे,सरकार जैन समाज की भावनाओ की कद्र करें.

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