चुनावी खर्च 95 लाख रुपए होने पर उम्मीदवार के हाथ रहेगे खुले
उम्मीदवारों की खर्च मर्यादा 25 लाख रुपए से बढी
अमरावती /दि. 28– लोकसभा चुनाव में सबकी नजरे उम्मीदवारों के खर्च पर रहती है. इस बार 25 से मर्यादा बढाकर 95 लाख रुपए किए जाने से उम्मीदवारों के हाथ खुले रहनेवाले है. ऐसे में नामांकन से मतदान के दौरान एक माह की कालावधि में उम्मीदवारों की परीक्षा रहनेवाली है.
चुनाव प्रक्रिया की 28 मार्च से शुरुआत हो रही है. 26 अप्रैल को मतदान और 4 जून को मतगणना होनेवाली है. इस दौरान उम्मीदवारों के नामांकन भरने से लेकर नतीजे लगने तक उन्हें हर दिन चुनाव खर्च का हिसाब नोडल अधिकारी के पास देना पडेगा. इसमें उम्मीदवार निर्वाचित होने पर उनकी विजयी रैली का खर्च भी उसी उम्मीदवार के खाते में दर्ज होनेवाला है. चुनाव घोषित होने से आचारसंहिता पर अमल हो रहा है. लेकिन कुछ राजनीतिक दलों के उम्मीदवार अभी भी निश्चित नहीं हुए है. 2 अप्रैल के बाद उम्मीदवारों के नामांकन की संख्या बढेगी और इसी दौरान सभी उम्मीदवार भी निश्चित हो जाएगे. इस कारण वर्तमान की आचारसंहिता की अवधि में संबंधित राजनीतिक दलों द्वारा होनेवाला खर्च, उस दल के नाम और उम्मीदवारी निश्चित होने के बाद उस उम्मीदवार के नाम पर लगनेवाला है और उन्हें उम्मीदवारी न मिलने पर चुनावी खर्च संबंधित दल के नाम लगेगा, ऐसा नोडल अधिकारी ने कहा.
* नामांकन दाखिल करने के बाद चुनावी खर्च शुरु
उम्मीदवार ने चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया तब से चुनावी खर्च की शुरुआत होनेवाली है. केवल मतदान ही नहीं बल्कि मतगणना तक हिसाब संबंधित उम्मीदवार को देना पडेगा. उसके द्वारा दिए गए हिसाब की जांच चुनाव विभाग द्वारा तैयार किए गए दरपत्रक के मुताबिक की जानेवाली है.
* रेट कार्ड के मुताबिक होगी खर्च की जांच
उम्मीदवार चुनाव विभाग के पास जो खर्च प्रस्तुत करनेवाले है, उसकी जांच चुनाव विभाग द्वारा तैयार किए गए रिकॉर्ड के मुताबिक होनेवाली है. इसके लिए चुनाव विभाग ने रेट कार्ड तैयार किया है. इस पर राजनीतिक दलों की तरफ से आपत्ति मांगी गई थी और उसके मुताबिक छोटी-बडी वस्तुओं के दरपत्रक तैयार किए गए है.