अमरावती

कारंजा-सोहोल अभयारणय में स्थालांतरित बाघ कैमरा ट्रैप में कैद

मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प हिरनों के लिए है प्रसिद्ध

परतवाडा/दि.3- मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत कारंजा-सोहोल के हिरनो ंके जंगल क्षेत्र मे स्थालातंरित बाघ के दर्शन हुए है. तीन दिनों पहले कैमरे के ट्रैप में बाघ की तस्वीरें कैद हुई है. तत्पश्चात बाघ के दर्शन ग्रामवासियों को भी हुए.
यहां बता दे कि कांरजा-सोहोल जंगल क्षेत्र में हरीभरी घास रहने से इस क्षेत्र में हिरनों का विचरण रहता है. यह क्षेत्र हिरनों के लिए प्रसिद्ध है. 18.32 चौरस किमी क्षेत्र वाले जंगल सोमठाणा और बिराडा इन दो रेंंज में विभाजीत हुआ है. इस क्षेत्र में तेंदूए का भी विचरण है. 8 दिनों पहले यहां पर एक स्थानातंरित बाघ का भी प्रवेश हुआ है. इस बाघ के दर्शन कुछ लेागों को हुए है. जबकि कुछ लोगो को बाघ के पगमार्क भी दिखाई दिए है. जिसके चलते क्षेत्र के कैमरे के ट्रैप बढाए गए है. गिरडा रेंज के कैमरे ट्रैप में बाघ 28 नंवबर को कैद हुआ.
दो दिनो बाद कैमरा ट्रैप में बाघ दिखाई देने की जानकारी वन अधिकारियों ने भी स्पष्ट की है. इस बात की तस्वीरे अन्य क्षेत्र के फोटो आयडी के साथ जोडने के लिए मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प क्षेत्र संचालक कार्यालय में भेजे गए है. यह बात कहां से है जिसे लेकर भी निर्धारित जानकारी ली जा रही है. अन्य व्याघ्र प्रकल्प से बाघ के आयडी को जोडकर देखा जा रहा है यह बाघ पेंच, बोर, टिपेश्वर, अंबा बरवा, मेलघाट का है या फिर प्रादेशिक क्षेत्र का. इसे ढूंढने की कोशिश वन्य जीव अधिकारी करेंगे.

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