* जंगल के संकरे रास्ते बन रहे हादसे की वजह
अमरावती/दि.5– चिखलदरा तहसील अंतर्गत सेमाडोह के निकट पीली गांव के पास मंगलवार को एक निजी लक्झरी बस व कार के बीच आमने-सामने की जोरदार भिडंत हुई. जिससे दोनों वाहनों का काफी नुकसान हुआ. वहीं सौभाग्य से इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार की दोपहर 1 बजे श्रीराम ट्रैवल्स की बस क्रमांक एमएच-27/डीवाय-3915 की पीली गांव के निकट विपरित दिशा से आ रही तेज रफ्तार कार से जोरदार टक्कर हुई. जिससे कार का अगला हिस्सा लगभग चकनाचूर हो गया. साथ ही लक्झरी बस का भी थोडा बहुत नुकसान हुआ है. सौभाग्य से इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है. लेकिन कार में सवार कुछ लोगों को छिटपूट चोटे आने की खबर है. हालांकि सेमाडोह व हरिसाल स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में किसी भी घायल व्यक्ति को इलाज हेतु भर्ती कराये जाने की खबर नहीं है. वहीं पुलिस थाने में भी इस हादसे को लेकर कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई थी.
* व्याघ्र प्रकल्प के नियम बन रहे सडकों के विस्तार में बाधा
उल्लेखनीय है कि, मेलघाट में वनविभाग के अख्तियार तहत रहने वाले रास्ते बेहद संकरे है और इस पहाडी क्षेत्रों में रहने वाले घुमावदार रास्तों पर आये दिन सडक हादसे घटित हो रहे है, लेकिन इसके बावजूद व्याघ्र प्रकल्प के बेहद कडे नियमों के चलते इन रास्तों के चौडाईकरण का काम नहीं हो पा रहा. जिसकी वजह से इस क्षेत्र में सडक हादसे घटित होने का सिलसिला लगातार चल रहा है.
* राज्य का एकमात्र दुर्लक्षित अंतरराज्य महामार्ग
ज्ञात रहे कि, अमरावती से परतवाडा सेमाडोह, धारणी व खंडवा होते हुए इंदौर जाने वाले रास्ते को अंतरराज्यिय महामार्ग का दर्जा प्राप्त है. इस महामार्ग पर परतवाडा के निकट बुरटघाट से हरिसाल तक रास्त पूरी तरह से पहाडी ढलान यानि घाट वाला है और महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश की ओर आने-जाने वाले सभी तरह के यात्री व मालवाहक वाहनों के लिए यही एकमात्र रास्ता उपलब्ध है. जिस पर बने पुलों को दुरुस्त करते हुए सडक को चौडा करने का प्रस्ताव विगत लंबे समय से वनविभाग की अनुमति के चक्कर में लटका हुआ है. लेकिन इस रास्ते पर बने ब्रिटीशकालीन पुलों की दुरुस्ती के साथ ही सडक के चौडाईकरण के काम की ओर कभी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा. जिसके चलते यह समूचे राज्य में एकमात्र दुर्लक्षित अंतरराज्यिय महामार्ग है.
* एक माह पहले हुई थी 5 लोगों की मौत
याद दिला दें कि, सेमाडोह के निकट ही एक माह पूर्व निजी यात्री बस के पुल से नीचे गिर जाने की वजह से 5 लोगों की मौत हुई थी और इसके बाद ही इसी स्थान के आसपास कई मालवाहक ट्रकों के साथ सडक हादसे घटित हुए और मंगलवार की दोपहर हुए हादसे ने उन सभी हादसों की यादों को ताजा कर दिया है. बता दें कि, मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प क्षेत्र से होकर गुजरने वाले रास्ते बेहद संकरे है. जिनसे एक समय पर कोई एक वाहन ही गुजर सकता है और दो वाहनों के आमने-सामने आ जाने पर किसी एक वाहन को सडक से थोडा नीचे उतारना जरुरी होता है. अन्यथा दोनों वाहनों के बीच टक्कर व भिडंत होना तय माना जाता है.