महंगाई के चलते मिठाई से गायब हुई इलायची
30 फीसद दाम बढे, केरल व तमिलनाडू में अतिवृष्टि का परिणाम
अमरावती/दि.1 – इलायची को स्वास्थ्य वर्धक माना जाता है और यह रसोई घर के लिहाज से एक महत्वपूर्ण घटक है. क्योेंकि इसका स्वाद व सुगंध बढाने के लिए विविध खाद्य पदार्थों व मसालों में प्रयोग होता है. विशेष तौर पर मिठाई सहित विभिन्न मिष्ठान्नों में इलायची का अनिवार्य तौर पर प्रयोग होता है. परंतु विगत एक माह के दौरान इलायची के दामों में लगभग 30 फीसद की वृद्धि हुई है और प्रतिकिलो दाम में 700 रुपए से अधिक का इजाफा हुआ है. जिसके चलते इलायची धीरे-धीरे मिठाईयों से गायब होने लगी है और मिठाईयों का स्वाद बदलने लगा है.
उल्लेखनीय है कि, एक माह पूर्व इलायची के दाम 2100 से 2300 रुपए प्रतिकिलो के आसपास थे. जो अब बढकर 2800 से 3000 रुपए प्रतिकिलो के स्तर पर जा पहुंचे है. ऐसे में इलायची का प्रयोग पहले की तुलना में अपेक्षाकृत तौर पर कम हो गया है और मिठाई एवं पान के बीडे से इलायची गायब हो गई है. ऐसे में या तो इलायची के स्थान पर किसी अन्य पर्याय का प्रयोग किया जा रहा है, या फिर वस्तूओं के दाम बढाए जा रहे है. ऐसे में ग्राहकों को इलायची के स्वाद व सुगंध वाली वस्तूएं खरीदने हेतु ज्यादा दाम अदा करने पड रहे है.
* इस वजह से बढे दाम
देश मेें इलायची का सर्वाधिक उत्पादन केरल व तमिलनाडू राज्य में होता है. इन दोनों राज्यों में हुई अतिवृष्टि का परिणाम इलायची के उत्पादन पर हुआ और इस बार अतिवृष्टि के चलते इलायची का उत्पादन घट गया. वहीं इस वर्ष इलायची का निर्यात बढा है. जिसकी वजह से इलायची के दामों में तेजी दिखाई दे रही है.
* कई पदार्थों से इलायची का स्वाद और सुगंध गायब
खाद्य पदार्थों में स्वाद और सुगंध बढाने के लिए इलायची का प्रयोग किया जाता है. विशेष तौर पर दूध से तैयार होने वाली मिठाईयों सहित विविध प्रकार की मिठाईयों में इलायची का प्रयोग होता है. लेकिन इलायची के दाम में अचानक आसमान छूती तेजी आने की वजह से कई पदार्थों में इलायची का प्रयोग सिमित कर दिया गया है. विशेष उल्लेखनीय है कि, लौंग व इलायची के बिना पान का बीडा अधूरा माना जाता है. लेकिन इन दिनों अधिकांश पनवाडियों ने भी अपने ग्राहकों को पान में इलायची देना बंद कर दिया है. क्योंकि 15-20 रुपए के पान में एक इलायची डालना अब घाटे का सौदा होने लगा है.