अमरावती

सस्ते में सेकंड हैंड दुपहिया खरीदते समय सावधान

लगातार बढ रहे दुपहिया चोरी के मामले

* दुपहिया सहित स्पेअरपार्ट की सस्ते में हो रही विक्री
* पकडे जाने पर खरीददार के खिलाफ भी होती है कार्रवाई
अमरावती/दि.6 – विगत कुछ समय से अमरावती शहर में दुपहिया वाहनों की चोरी का सिलसिला जमकर चल रहा है. जिसकी वजह से दुपहिया वाहनधारक काफी चिंताग्रस्त हो गए है. साथ ही घर से कहीं पर भी बाहर जाते समय दुपहिया को कहा पर सुरक्षित पार्क किया जाए, यह चिंता उन्हें खाई जाती है. वहीं दूसरी ओर चुराए गए दुपहिया वाहनों को वाहन चोरों द्बारा बेहद औने-पौने दामों पर बेचा जाता है. साथ ही कई बार दुपहिया वाहनों के स्पेअरपार्ट खोलकर बेच दिए जाते है. ऐसी जानकारी कई वाहन चोरों द्बारा दिए गए कबुली जवाब से स्पष्ट हुई है. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति बेहद कम पैसों में दुपहिया वाहन या उसका कोई स्पेअरपोर्ट बेचने के लिए तैयार है, तो खरीददार व्यक्ति ने समय रहते सावधान हो जाना चाहिए, क्योंकि वह चोरी का माल रहने की भी संभावना हो सकती है.
बता दें कि, शहर में दुपहिया चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु पुलिस थाना निहाय नाकाबंदी की जाती है. साथ ही वाहनों की कडाई से जांच होती है. लेकिन इसके बावजूद दुपहिया चोरी की घटनाएं रुक नहीं रही. ऐसे में पुलिस के सामने दुपहिया चोरों की काफी बडी चुनौति खडी है. वहीं संभावना यह भी है कि, दुपहिया वाहनों को चुराने के बाद वाहन चोर उन वाहनों को लेकर दूसरे जिलों में भाग जाते है और वहां पर बेहद ग्रामीण इलाकों में जाकर ऐसे दुपहिया वाहनों को बेहद कम कीमत पर बेच दिया जाता है. इसके पीछे एक सोच यह होती है कि, ग्रामीण एवं तहसील वाले इलाकों में पुलिस द्बारा वाहनों की कोई जांच पडताल नहीं की जाती. लगभग इसी तरह अन्य जिलों के चुराए गए वाहन अमरावती जिले के तहसील एवं ग्रामीण इलाकों में लाकर औने-पौने दामों पर बेचे जाते है. ऐसे में सस्ते की लालच में फंसकर सेकंड हैंड वाहन खरीदने वाले लोगों ने काफी सतर्क व सावधान रहना चाहिए. क्योंकि यदि आगे चलकर उनके पास से चोरी का वाहन बरामद होता है, तो पुलिस द्बारा उन्हें वाहन चोरी के मामले में गिरफ्तार किया जा सकता है.
* चोरी हुए 148 वाहन, बरामदगी केवल 47 की
अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र अंतर्गत 1 जनवरी से 30 अप्रैल 2023 तक 4 माह की कालावधि के दौरान करीब 148 दुपहिया वाहन चोरी हुए. जिन्हें लेकर संबंधित पुलिस थानों में शिकायत दर्ज कराई गई है. 120 दिन के दौरान 148 दुपहिया चुराते हुए वाहन चोरों ने एक तरह से शहर पुलिस को चुनौति दे रखी है. वहीं ऐसे मामलों की जांच पडताल करते हुए इन 4 माह के दौरान अमरावती शहर पुलिस केवल 47 दुपहिया वाहनों को ही बरामद कर पायी है.
* दो दिन तक तो शिकायत ही नहीं ली जाती
यदि किसी व्यक्ति का दुपहिया वाहन चोरी हो जाता है और वह अपने वाहन की चोरी अथवा गुमशुदगी को लेकर शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस थाने पहुंचता है, तो अगले दो दिन तक उसकी शिकायत यह कहते हुए दर्ज नहीं की जाती कि, शायद वह अपनी दुपहिया कहीं भूल गया होगा, शायद कोई जान-पहचान वाला व्यक्ति वाहन लेकर कहीं गया होगा, या फिर शायद किसी ने उसके साथ कोई मजाक किया होगा. इन तमाम शायदों की आड लेते हुए अगले दो दिनों तक पुलिस थानो द्बारा अपनी जिम्मेदारी से लगभग पल्ला झाडने का प्रयास किया जाता है और इन्हीं दो दिनों के दौरान वाहन चारों द्बारा अक्सर वाहन के पुर्जे अलग-अलग करते हुए उन्हें चोर बाजार में बेचने के लिए पहुंचा दिया जाता है.
* क्या होता है चोरी गए दुपहिया वाहनों का
– स्पेअरपार्ट खोलकर बेच दिए जाते हैं
अक्सर दुपहिया चोरों द्बारा चुराए गए वाहनों के सभी स्पेअरपोर्ट को खोलकर अलग कर दिया जाता है. इन स्पेअरपार्ट को खरीदने वाले लोग भी शहर में है और स्पेअरपार्ट की खरीदी-विक्री के गोरखधंधे में पकडे जाने का खतरा काफी कम होता है.
– ग्रामीण क्षेत्रों में बेचा जाता है
कई बार चुराए गए दुपहिया वाहनों को ग्रामीण क्षेत्रों में ले जाकर बाजार भाव से काफी कम दामों पर बेच दिया जाता है और ग्रामीण क्षेत्र के खरीददार यह सोचकर गाडी के कागजात नहीं मांगते कि, उन्हें तो गांव में ही वाहन चलाना है और गांव में पुलिस द्बारा कभी भी वाहनों की चेकिंग नहीं की जाती.
– कबाड में भी होती है विक्री
कई बार सस्ते दामों पर भी वाहन के लिए ग्राहक खोजने में मुश्किल पेश आती है. साथ ही स्पेअरपार्ट निकालकर बेचने में भी काफी खतरा होता है. ऐसे में कई बार वाहन चोर अपने द्बारा चुराए गए दुपहिया वाहनों को सीधे कबाड में बेच देते है.
* सेकंड हैंड वाहन खरीदते समय यह सावधानी जरुरी
कोई भी सेकंड हैंड वाहन खरीदते समय केवल सस्ते दाम और उपरी चमक-दमक को देखकर ही वाहन नहीं खरीदना चाहिए, बल्कि वाहन के आरसी बुक, बीमा पॉलिसी व पीयूसी जैसे सभी दस्तावेजों की वैधता को देखा जाना चाहिए.
– इसके साथ ही आरसी बुक पर वाहन का रंग कौन सा दर्ज है, यह जरुर देखा जाना चाहिए, क्योंकि कई बार चोरी की दुपहिया वाहनों का रंग बदल दिया जाता है.
– इसके अलावा दुपहिया वाहन पर किसी बैंक, पतसंस्था व फाइनांस कंपनी का कर्ज है अथवा नहीं, इसे भी बेहद ध्यानपूर्वक देखा जाना चाहिए.
* पुलिस 24 बाय 7 है सतर्क
प्रत्येक व्यक्ति ने अपने वाहनों को अधिकृत व घोषित पार्किंग स्थल में ही खडा करना चाहिए. वाहन चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु शहर पुलिस 24 बाय 7 सतर्क व सजग है. साथ ही वाहन चोरों को पकडने के लिए गश्त बढा दी गई है.
– नवीनचंद्र रेड्डी,
शहर पुलिस आयुक्त

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