* राजकुमार बागरी हुए भूमिगत
अमरावती/दि.11– गृह विभाग द्वारा सेवा समाप्त करने के बाद स्थानीय उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी राजकुमार आनंद वर्धेकर (बागरी) सहित उन्हें सहयोग करनेवाले अज्ञातो के खिलाफ पुलिस ने अपराधिक स्वरुप की साजिश व जालसाजी का मामला 23 अगस्त को दर्ज किया है. लेकिन 18 दिनों बाद भी बागरी पुलिस के हाथ नहीं लगे है और ना ही वे अपने निवासस्थान पर है. इस कारण बागरी अंडरग्राऊंड तो नहीं हो गए? ऐसा सवाल निर्माण हो गया है.
गाडगे नगर पुलिस ने आरोपी राजकुमार बागरी द्वारा अन्य अज्ञात आरोपियों के साथ मिलीभगत कर फौजदारी स्वरुप की साजिश रचकर जन्मतिथि का प्रमाणपत्र, टीसी, अधिवास प्रमाणपत्र आदि कागजपत्र फर्जी तैयार किए. वे 30 सितंबर 2022 को सेवानिवृत्त होते रहते दो साल अधिक सेवा लेने के लिए उन्होंने फर्जी प्रमाणपत्र का इस्तेमाल किया तथा शासन के साथ 18 लाख 13 हजार 950 रुपए की जालसाजी करने का आरोप उन पर किया गया है.
* बागरी के कक्ष का पंचनामा
गाडगे नगर थाने में डेप्युटी आरटीओ बागरी पर जालसाजी का मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने दो दिनों बाद उनके कक्ष का पंचनामा किया था. कुछ कागजपत्र भी कब्जे में लिए जाने की जानकारी है. इतना ही नहीं बल्कि वर्धा, नागपुर के बागरी सदन के निवासस्थान पर भी पुलिस जाकर आ गई है. लेकिन उनका पता नहीं चला है. इस कारण बागरी है कहां, ऐसा सवाल उपस्थित हो रहा है.
* जांच जारी है
डेप्युटी आरटीओ बागरी की तलाश शुरु है. आरटीओ कार्यालय के उनके कक्ष का पहले ही पंचनामा किया गया है. इसके मुताबिक कुछ तकनीकी जांच की जानेवाली है.
– समाधान वाठोरे, पुलिस निरीक्षक, गाडगे नगर.