कृषि केंद्र संचालक नीलेश अग्रवाल पर मामला दर्ज
जिला गुणवत्ता नियंत्रण निरीक्षक की कार्रवाई
* सीडस् कंपनी के अजीत-155 वाण की अवैध बिक्री करने पर दबीश
अमरावती/दि. 13 – चोरीछिपे अधिक दाम से सीडस् कंपनी के अजीत-155 वाण की बिक्री करते हुए जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी कार्यालय के उडनदस्ते ने कॉटन मार्केट रोड स्थित नितिन कृषि केंद्र पर छापा मारकर माल जब्त कर लिया. पश्चात कोतवाली थाने में दर्ज की गई शिकायत के आधार पर कृषि केंद्र संचालक नीलेश राजकुमार अग्रवाल (48) के खिलाफ विविध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
जानकारी के मुताबिक किसानों को खरीफ सत्र में बुआई के लिए खाद व बीज का माल कृषि केंद्रो से बराबर मिलने के लिए पहले ही सभी कृषि संचालको को सूचित किया गया है. बीज की कालाबाजारी रोकने के लिए जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी के निर्देश पर संपूर्ण जिले में उडनदस्तो द्वारा कार्रवाई की जा रही है. जिला गुणवत्ता नियंत्रण निरीक्षक सागर डोंगरे (49) को गोपनीय जानकारी मिली थी कि, पुराना कॉटन मार्केट रोड स्थित नितिन कृषि केंद्र में चोरीछिपे और अधिक भाव में सीडस् कंपनी के अजीत-155 वाण की बिक्री हो रही है. इस जानकारी के आधार पर जिलास्तरीय उडनदस्ते के प्रमुख मल्ला जगन्नाथ तोडकर, कृषि विकास अधिकारी उज्वल आगरकर, कृषि उपसंचालक प्रवीण खर्चे, अधिकारी अजय तलेकर तथा पुलिस जवान दीपक श्रीवास, नरेंद्र उघडे के दल ने दो पंचो के साथ नितिन कृषि केंद्र के पास पहुंचकर कपील पडघन और सुरेश बरडे नामक पंचो को 9 हजार रुपए के 500 के 18 नोट देकर कृषि केंद्र में अजीत-115 वाण के पैकेट की खरीदी के लिए भेजा. कपास के बीज की कीमत 864 रुपए प्रति पैकेट रहने के बावजूद उसे 1800 रुपए में बिक्री कर बिना रसीद के दिए जाने पर पंचो का इशारा मिलते ही उडनदस्ते और पुलिस के दल ने छापा मारकर कृषि संचालक नीलेश राजकुमार अग्रवाल की दुकान से दी हुए 500 की 18 नोट कब्जे में ली. डमी ग्राहक और सरकारी पंचो के समक्ष कब्जे में ली गई नोटो के नंबर की जांच करने के बाद दुकान से अजीत-155 वाण के और पांच पैकेट बरामद हुए. पश्चात पूरा माल जब्त करने के बाद सागर डोंगरे की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने व्यवसायी नीलेश अग्रवाल के खिलाफ धारा 420 और बीज कानून 1966 की धारा 7 (ड), बीज नियंत्रण आदेश 1983 की धारा 8, 9, 18, महाराष्ट्र कपास बीज अधिनियम 2009 की धारा 4 (1) (आय), 11 (1) (4), महाराष्ट्र कपास अधिनियम 2010 के तहत धारा 3 (1), 9 (1) (ए), कपास बीज मूल्य नियंत्रण आदेश 2015 के तहत धारा 5 (1) (2) (6) (7) के तहत मामला दजर किया है.