- जांच के लिए सैम्पल भेजेंगे नागपुर
- आरोपी को अदालत ने दी जमानत
प्रतिनिधि/ दि.३१
अमरावती- लॉकडाउन कॉल में लोगों को जरुरी काम के लिए इस जिले से उस जिले में जाने हेतु सरकार ने ई-ट्रैवलींग पास के माध्यम से सुविधा उपलब्ध कराई मगर कुछ लोग इन सेवाओं का भी गैरउपयोग करते है. हाल ही में ई-महासेवा केंद्र में उपलब्ध कराई जा रही फर्जी ईट्रैवलींग पास का पुलिस ने भांडाफोड किया है. अपराध शाखा पुलिस व्दारा गिरफ्तार किये गए आरोपी सचिन नांदुरकर को अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया है. परंतु शातिर आरोपी ने फर्जी पास का डेटा कम्प्यूटर से डिलीट किया था. उस डेटा को रिकवर करने के लिए पुलिस वह सैम्पल नागपुर भेजेंगी, जिसके बाद यह स्पष्ट होगा की आरोपी ने कितने लोगों को फर्जी पास दी थी. कोरोना वायरस की चेन तोडने के लिए संचारबंदी कर अन्य जिलों से शहर व शहर से अन्य जिलों में जाने के लिए पाबंदी लगाई गई थी. बहुत जरुरी होने पर ही पुलिस मुख्यालय व जिलाधिकारी कार्यालय में खोले गए विशेष कक्ष के माध्यम से ई-ट्रैवलींग पास दी जाती थी. इसके बाद भी फे्रजरपुरा पुलिस थाना क्षेत्र के राजेंद्र कॉलोनी निवासी सचिन नांदुरकर नामक आरोपी केवल ५०० रुपयों में फर्जी ई-पास बनाकर देता था. इसकी जानकारी मिलते ही अपराध शाखा पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके यहां से करीब ३६ हजार रुपए का माल बरामद किया. आरोपी ने कुछ लोगों को फर्जी पास देने की बात कबुल की. मगर शातिर बदमाश फर्जी पास देने के बाद कम्प्यूटर से डेटा डिलिट कर देता था ताकि किसी को भी सबूत न मिलने पाये. पुलिस को संदेह है कि उसने कई लोगों को नकली ई-ट्रैवलींग पास दी होगी, इस वजह से कम्प्यूटर का डेटा रिकवर करने के लिए नागपुर भेजा जाएगा, इसके बाद सारी सचाई सामने आयेगी. फिलहाल आरोपी को जमानत पर छोडा गया है.