अमरावती

फॉरेन्सीक जांच में अटका पीएसआई मुले की आत्महत्या का मामला

सीआयडी कर रही रिपोर्ट मिलने की प्रतीक्षा

  • फॉरेन्सीक लैब को भेजा गया स्मरणपत्र

अमरावती/दि.26 – स्थानीय फ्रेजरपुरा पुलिस थाने में पुलिस उपनिरीक्षक पद पर कार्यरत रहनेवाले अनिल मुले नामक पुलिस अधिकारी की आत्महत्या मामले की जांच का मामला फॉरेन्सीक रिपोर्ट की वजह से अटका पडा है. ऐसे में यह रिपोर्ट मिलने हेतु सीआयडी द्वारा नागपुर स्थित न्यायवैदक प्रयोगशाला को अब तक दो बार स्मरणपत्र भेजा जा चुका है.
याद दिला दें कि, पुलिस उपनिरीक्षक अनिल मुले द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिये जाने की सनसनीखेज घटना 13 अगस्त की शाम उजागर हुई थी. जिससे फ्रेजरपुरा पुलिस थाने सहित समूचे शहर में जबर्दस्त खलबली व्याप्त हो गई थी. पश्चात इस मामले की जांच सीआयडी को सौंपी गई और सीआयडी ने स्थानीय स्तर पर अपनी जांच को पूर्ण कर लिया. किंतु अब तक इस मामले में फॉरेन्सीक रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है. जिसके चलते मामले में अंतिम नतीजे तक नहीं पहुंचा जा सका है. वहीं पीएसआई मुले द्वारा आत्महत्या किये जाने के बाद उनकी एक ऑडिओ क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. जिसमें पीएसआई मुले सरकारी सेवा में ही रहनेवाले अपने किसी परिचित व्यक्ति को खुद के साथ हो रहे अन्याय की जानकारी दे रहे थे. जिसके बाद ही इस मामले की जांच शहर पुलिस से हटाकर स्टेट सीआयडी को सौंपी गई थी. साथ ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई ऑडिओ क्लिप की भी सघन जांच करने के आदेश जारी किये गये थे और 25 अगस्त के आसपास अमरावती सीआयडी के अधिक्षक अमोघ गांवकर व उपअधीक्षक दीप्ती ब्राह्मणे ने इस मामले की जांच शुरू करते हुए स्थानीय स्तर पर अपना काम पूरा किया. लेकिन अब भी नागपुर स्थित न्यायवैद्यक प्रयोगशाला से इस मामले की फॉरेन्सीक रिपोर्ट मिलना बाकी है और खुद सीआयडी भी यह रिपोर्ट मिलने की प्रतीक्षा कर रही है, ताकि अब तक हुई जांच और फॉरेन्सीक रिपोर्ट के आधार पर किसी अंतिम नतीजे तक पहुंचा जा सके.

बयान व जप्ती

इस मामले में सीआयडी द्वारा जांच का जिम्मा संभालने के बाद मुले परिवार सहित पुलिस आयुक्त कार्यालय के कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के बयान दर्ज किये गये थै. साथ ही मुले के लैपटॉप व मोबाईल को जप्त करते हुए उसका डेटा नागपुर स्थित न्यायवैद्यक प्रयोगशाला के पास भेजा गया था. लैपटॉप में मौजूद दस्तावेजों तथा मोबाईल में दर्ज रिकॉर्डिंग की सत्यता को जांचने के बाद ही सीआयडी किसी अंतिम नतीजे तक पहुंच सकती है. किंतु अब तक फॉरेन्सीक रिपोर्ट ही नहीं मिली है. जिसकी वजह से इस मामले की तकनीकी जांच रूकी हुई है. अमरावती सीआयडी के अधीक्षक अमोघ गांवकर के मुताबिक नागपुर से फॉरेन्सीक रिपोर्ट मिलने के बाद ही इस मामले में किसी अंतिम नतीजे तक पहुंचा जा सकता है.

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