अचलपुर अदालत का फैसला, 2016 की घटना
चांदूर बाजार दि.21 – नाबालिग बालक पर अप्राकृतिक करने के प्रयास के मामले में आरोपी करजगांव निवासी विष्णु बालकृष्ण मोहोकार को अचलपुर अदालत ने 10 वर्ष सश्रम कारावास व 15 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई.
जानकारी के अनुसार यह घटना 5 सितंबर 2016 की सुबह 9.15 बजे घटी. पीडित बालक के पिता की शिकायत के अनुसार 5 सितंबर 2016 की सुबह 8 बजे पीडित बालक निजी ट्युशन के लिए आरोपी विष्णु मोहोकार के घर करगांव गया था. आरोपी ने ट्युशन के सभी बच्चों को वापस भेज दिया. पीडित बालक को रुकने का कहकर बाया हाथ पकडकर घर के अंदर कमरे में ले गया और अप्राकृतिक कृत्य करने का प्रयास किया. इस शिकायत पर शिरजगांव कसबा पुलिस ने आरोपी विष्णु के खिलाफ दफा 377, 511, सहधारा 4, 6, 8 व 10 पोक्सो के तहत अपराध दर्ज कर सहायक पुलिस निरीक्षक बी. के. मगरदे ने तहकीकात पूरी की. इसके बाद अदालत में दोषारोपपत्र दायर किया.
सहायक सरकारी वकील एड. डी. ए. नवले ने अदालत के समक्ष आरोपी के खिलाफ दोष सिध्द करने के लिए छह गवाहों के बयान लिये. अदालत ने पीडित के बयान व ग्राम विकास अधिकारी ने पीडित के बयान के बारे में दिये सबूत व अन्य गवाह व सबूतों को मान्य कर पीडित बालक पर अत्याचार किया, यह सिध्द हुआ. जिसपर जिला व सत्र न्यायालय क्रमांक 2 अचलपुर के न्यायमूर्ति एस. एन. यादव की अदालत ने आरोपी विष्णु बालकृष्ण मोहोकार को दफा 377 व सहधारा 6 व 10 बाल लैगिंग अत्याचार कानून के तहत आरोपी को 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई. तीनों धाराओं के अनुसार 5 हजार प्रति, ऐसे 15 हजार रुपए का जुर्माना ठोका. इस मामले में शिरजगांव पुलिस थाने के थानेदार प्रशांत गिते के मार्गदर्शन में पैरवी अधिकारी के रुप में हवालदार प्रमोद शिंपी ने कामकाज देखा.