अमरावतीमहाराष्ट्र

सोशल मीडिया के अधिक उपयोग से अत्याचार के बढ रहे मामले

95 प्रतिशत अपराधों की जांच पूरी

अमरावती/दि.14-सोशल मीडिया के अधिक इस्तेमाल के कारण छोटी सी उम्र में भी लडके-लडकियों के पास भी मोबाइल फोन आ गए हैं. इंस्टा पर कहानी पोस्ट किए बिना स्नैप पोस्ट करने की अनिवार्यता और स्नैपचैट पर श्रृंखला को तुटने न देकर स्नैप करने की अनिवार्यता से सोशल मीडिया का उपयोग बढ गया है. कुछ घटनाओं से यह स्पष्ट है कि सोशल मीडिया के माध्यम से नाबालिग लडकियों को प्रेम जाल में फंसाया जा रहा है, उन्हें शादी का प्रलोभन दिया जा रहा है और फिर उनका यौन शोषण किया जा रहा है.

* क्या कहते है आंकडे?
शहर आयुक्तालय में जनवरी से दिसंबर 2024 के बीच कुल 99 दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज की गईं. इनमें से 50 एफआईआर नाबालिग लडकियों से दुष्कर्म के बारे में हैं. साल 2023 में रेप के 119 मामले सामने आए. 76 मामलों में पीडित नाबालिग थी. वहीं, साल 2024 में छेडछाड के कुल 244 मामले सामने आए. 84 अपराध पोस्को सहित छेडछाड के हैं. 2023 में यह संख्या 95 थी.

* नाबालिग से अत्याचार की घटना बढी
साल 2024 में शहर पुलिस आयुक्तालय में नाबालिग से रेप के कुल 50 मामले दर्ज किए गए. वर्ष 2023 में यह संख्या 76 थी. पिछले साल शहर में नाबालिग लडकियों से दुष्कर्म की घटनाओं में कमी आई है.

* 95 प्रतिशत अपराधों की जांच पूरी
2024 में शहर में दुष्कर्म की कुल 99 एफआईआर और छेडछाड की 244 एफआईआर दर्ज की गईं. उनमें से 95 प्रतिशत से अधिक अपराधों की जांच की जा चुकी है. आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. कुछ मामलों में आरोप पत्र दाखिल किये जा चुके हैं. सोशल मीडिया अत्यधिक होता जा रहा है.

पिछले साल छेडछाड की कुल 50 एफआईआर और छेडछाड के 84 मामले दर्ज किए गए थे. जबकि 2023 की तुलना में अत्याचार की संख्या कम हैं, सोशल मीडिया का अधिक इस्तेमाल इन अत्याचार की घटनाओं का कारण बन रहा है.
– कल्पना बारवकर, पुलिस उपायुक्त

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