अमरावती

जिले में लगातार बढ रहे दुराचार व छेडछाड के मामले

5 माह में 49 बलात्कार व 129 विनयभंग

* विवाह का झांसा देकर दुष्कर्म के मामले बढे
अमरावती/दि.23 – महिलाओं की सुरक्षा हेतु जिला ग्रामीण पुलिस द्बारा यद्यपि विभिन्न प्रयास किए जा रहे है, लेकिन इसके बावजूद जिले में लगभग प्रत्येक तीन दिन में बलात्कार का एक मामला घटित हो रहा है. ऐसी सनसनीखेज जानकारी विगत 5 माह के दौरान दर्ज अपराधिक मामलों के जरिए सामने आयी है. विगत 5 माह में अमरावती जिला ग्रामीण पुलिस अंतर्गत बलात्कार के 49 तथा विनयभंग के 129 मामले दर्ज हुए है. इसमें भी विवाह का झांसा देकर किए जाने वाले दुष्कर्म के मामले 80 फीसद से अधिक रहने की जानकारी सामने आयी है. जिसके चलते इन अपराधों को दुराचार कहा जाए, या जालसाजी, यह अपने आप में एक बडा सवाल है. विवाह का झांसा देकर शारीरिक संबंध स्थापित करने के मामले बढने की वजह से बलात्कार के मामलों की संख्या लगातार बढ रही है.
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि, इन दिनों अधिकांश युवक-युवतियों द्बारा सोशल मीडिया का जमकर प्रयोग किया जाता है और सोशल मीडिया पर ही युवाओं के ऑनलाइन प्रेम संबंध बन जाते है. पश्चात प्यार की चिकनी-चुपडी बातों के झांसे में आकर कई युवतियां अपना सबकुछ लूटा बैठती है. इसमें कई युवतियां नाबालिग यानि अल्पवयीन भी होती है. जिन्हें अपने अच्छे-बुरे की समझ तक नहीं होती और वे बडी आसानी से सोशल मीडिया पर रहने वाले वासनांध शिकारियों के जाल में फंस जाती है. विगत 5 माह के दौरान करीब 29 मामलों में दुराचार के साथ ही पोक्सों की धारा के तहत अपराध दर्ज किए गए है. यानि 150 दिनों में करीब 29 अल्पवयीन लडकियां दुराचार का शिकार हुई. इसका एक मतलब यह भी है कि, प्रतिमाह नाबालिग लडकियों के साथ दुराचार के करीब 6 मामले औसतन दर्ज हो रहे है. नाबालिग लडकियों की ओर सॉफ्ट टार्गेट के तौर पर देखा जाता है. साथ ही ज्यादातर मामलों में पीडित लडकी की आरोपी के साथ सोशल मीडिया के जरिए ही जान-पहचान होने की जानकारी सामने आती है.
* 70 महिलाओं व लडकियों को भगाया
जारी वर्ष में जनवरी से मई माह के दौरान जिले के 31 पुलिस थाना क्षेत्रों से 70 महिलाओं, युवतियों व नाबालिग लडकियों की भगा ले जाने की घटना घटित हुई. जिनके संदर्भ में संबंधित पुलिस थानों में भादंवि की धारा 363 व 366 के तहत अपराध दर्ज किया गया. इसमें से 13 नाबालिग लडकियों को सही सलामत वापिस लाने में ग्रामीण पुलिस के अनैतिक मानवी वाहतुक प्रतिबंधक कक्ष ने सफलता प्राप्त की. लापता या अपहरण होने की नाबालिग लडकियों, युवतियों व महिलाओं को खोजने हेतु एक समर्पित टीम काम कर रही है.
* पारिवारिक प्रताडना के 105 मामले
विगत 5 माह के दौरान जिन मामलों में आपसी समन्वय के साथ कोई समझौता नहीं हो सका. ऐसे 105 मामलों में भादंवि की धारा 498 के अनुसार पारिवारिक प्रताडना का अपराधिक मामला दर्ज किया गया. हाल फिलहाल के दिनों में पारिवारिक हिंसा व प्रताडना से संबंधित शिकायतें बडे पैमाने पर प्राप्त हो रही है. ऐसे मामलों में सबसे पहले पुलिस द्बारा भरोसा के सेल के जरिए दोनों पक्षों के बीच समूपदेशन व समन्वय के जरिए समझौता कराने का प्रयास किया जाता है और ऐसे प्रयास असफल रहने पर अपराधिक मामला दर्ज किया जाता है.
जनवरी से मई माह के दौरान दुष्कर्म से संबंधित 49 तथा विनयभंग व छेडछाड से संबंधित 129 अपराधिक मामले दर्ज किए गए. जिसमेें से 95 फीसद मामलों को हल करते हुए अपराध में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया. सभी मामलों की जांच चल रही है.
– अविनाश बारगल,
जिला पुलिस अधीक्षक.

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