अमरावतीमहाराष्ट्र

महिलाओं पर उत्पीडन के मामलो में हो रही बढोतरी

जमात-ए-इस्लामी हिंद का पत्रकार परिषद में आरोप

अमरावती/दि.30– जमात-ए-इस्लामी हिंद की महिला विंग ने देश में महिला विरोधी हिंसा, उत्पीडन, यौन हमलों और हत्याओं पर गहरी चिंता जताते हुए इस दिशा में देश की सरकार से तत्काल इस पर नियंत्रण पाने की मांग की है. रविवार को आहुत एक पत्रकार वार्ता में इस बाबत जमात-ए-इस्लामी हिंद महिला विंग की ओर से चिंता व्यक्त की गई है. पत्रकार वार्ता को जमात-ए-इस्लामी हिंद की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षा अतिया सिद्दिका साहेबा ने संबोधित किया.
जमात-ए-इस्लामी हिंद की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षा अतिया सिद्दिका साहेबा ने भारतीय समाज में महिलाओं के प्रति गहरी सामाजिक असमानताएं, स्त्री द्वेष, पूर्वाग्रह और भेदभाव स्थिति को जटिल बताया. विशेषकर जब बात उपेक्षित वर्गों जैसे दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और विकलांग महिलाओं के खिलाफ यौन की हिंसा हो. हाल में पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, बिहार में बच्चियों के साथ हुए यौन उत्पीडन का यहां जिक्र किया गया. उनके मुताबिक ऐसी घटनाएं साबित करती हैं कि हमारे देश में महिलाओं और लडकियों के प्रति मानसिकता और दृष्टिकोण पर गंभीर आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता है. केरल में आंशिक रूप से जारी हेमा समिति की रिपोर्ट से पता चलता है कि मनोरंजन उद्योग जैसे अत्यंत उदार कार्यस्थलों पर भी महिलाओं की सुरक्षा में कमी है. पत्रकार परिषद में जमात-ए-इस्लामी हिंद की शहर अध्यक्षा गजाला परवीन, अभियान संयोजक सालेहा परवीन, शबुशना फातेमा, नुसरा फातेमा, आशिया फिरदौस, शहराध्यक्ष रफीक अहमद खान, अजमतुल्ला खान, इकरामोद्दीन दानिश आदि उपस्थित थे.

* नैतिक मूल्यों का पता नहीं
पत्रकार परिषद में बताया कि, महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार एक व्यापक रुप से फैल रही बीमारी का लक्षण है. जो हमारे देश की शांति और प्रगति को प्रभावित कर रही है. इस खतरे का मूल कारण नैतिक मूल्यों का पतन है. समाज में नैतिक मूल्यों की कमी के कारण महिलाओं को वस्तु के रुप में देखना, यौन शोषण और दुर्व्यवहार, पोर्नोग्राफी का व्यापक उपयोग, विवाहेत्तर संबध और बेवफाई, शराब और नशीली दवाओं का बढता इस्तेमाल, आत्महत्या, यौन संचारित संक्रमनों में वृद्धि, गर्भपात में बढोतरी, यौन हिंसा, दुष्कर्म के मामलो में बढोतरी, संस्कृति का यौनीकरण, पारिवारिक इकाई का टुटना और अनैतिकता का सामान्यीकरण जैसी समस्याएं पैदा हो रही है. जो समाज के नैतिक तानेबाने को तेजी से नष्ट कर रही है.

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