राजनीति, सामाजिक आंदोलन के मुकदमे वापस लिये जाएंगे
31 दिसंबर 2019 पूर्व के आंदोलनकर्ताओं को मिली राहत
अमरावती/दि.13 – 31 दिसंबर 2019 पूर्व के राजनीतिक, सामाजिक आंदोलन के मुकदमे वापस लेने का निर्णय राज्य के गृह विभाग ने लिया है. उसके लिये पुलिस आयुक्तालय व शेष क्षेत्रों के लिए स्वतंत्र समिति नियुक्त की गई है. इस बाबत का पत्र गृहराज्यमंत्री सतेज पाटील ने 2 जुलाई 2021 को निर्गमित किया है. जिससे अनेक समय न्यायालय की सिढियां चढने वाले राजनीतिक, सामाजिक आंदोलकों को बडी राहत मिल जाएगी.
सार्वजनिक हित, सर्वसामान्यों के मुद्दें, समस्याओं की ओर ध्यान खिंचने के लिए राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन व्दारा बंद पुकारना, घेराव करना, मोर्चे निकालना, निदर्शन करना आदि प्रकार के आंदोलन के मार्ग अपनाएं जाते है. जिससे आंदोलकों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन करने बाबत अपराध दर्ज किये जाते है. साथ ही न्यायालय में अभियोग पत्र भी दाखिल किये जाते है. ऐसे मुकदमे बरसो तक चलते रहते है. उसके चलते विविध प्रकार के आंदोलन के मुकदमे वापस लेने बाबत सरकार को अपील की गई थी. उसके अनुसार राज्य सरकार ने 31 दिसंबर 2019 पूर्व के राजनीतिक, सामाजिक आंदोलन के मुकदमे वापस लेने का निर्णय लिया है.
ऐसी रहेगी समिति
पुलिस आयुक्तालय स्तर : पुलिस आयुक्त (अध्यक्ष), सहायक संचालक- अभियोग संचालनायल (सदस्य), पुलिस उपायुक्त – क्राईम (सदस्य सचिव)
ग्रामीण समेत अन्य स्तर : जिला दंडाधिकारी (अध्यक्ष), सहायक संचाालक- अभियोग संचालनालय (सदस्य), अतिरिक्त जिला पुलिस अधिक्षक (सदस्य सचिव)
- महाविकास आघाडी सरकार ने राजनीतिक, सामाजिक आंदोलन के मुकदमे वापस लेने का काफी अच्छा निर्णय लिया है. जिससे जनता की समस्या, सामाजिक मुद्दे हल करने के लिए आंदोलन करने वाले आंदोलकों पर जो अपराध दर्ज हुए है, उससे उन्हें छुटकारा मिलेगा.
– सुनील खराटे, जिलाध्यक्ष, शिवसेना अमरावती