अमरावती प्रतिनिधि/दि.31 – आगामी वर्ष में समूचे देश में जनगणना करवायी जायेगी. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि, इस जनगणना मे ओबीसी की जातिनिहाय जनगणना की जाये, ताकि ओबीसी समाज को आरक्षण सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं का आसानी से लाभ मिले और ओबीसी समाज की सामाजिक व शैक्षणिक स्थिति की समीक्षा की जा सके. इस आशय का प्रतिपादन ओबीसी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण गाडवे द्वारा यहां बुलायी गयी पत्रकार परिषद में किया गया.
स्थानीय वालकट कंपाउंड परिसर स्थित जिला मराठी पत्रकार संघ के मराठी पत्रकार भवन में बुलायी गयी पत्रवार्ता में प्रवीण गाडवे ने ओबीसी सहित विमुक्त जाति व जनजाति के लिए क्रिमिलेयर की शर्त को रद्द किये जाने की मांग करने के साथ ही आदिवासियों के लिए पांचवी व छठवीं अनुसूचि को लागू करने, कक्षा पहली से उच्च शिक्षा को नि:शुल्क करने, पूर्व सैनिकों को उदरनिर्वाह हेतु राजस्व कानून के तहत तुरंत खेती आवंटित करने तथा संविधान पर शत-प्रतिशत अमल करने की भी मांग उठायी. इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा अमल में लाये गये, कृषि कानूनो के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन घोषित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को अविलंब निरस्त करने एवं केवल शक के आधार पर जेल में ठुंसे गये निरपराध लोगो को त्वरित रिहा करने की भी मांग की. इस पत्रकार परिषद में ओबीसी महासभा के विदर्भ अध्यक्ष राम खराटे व जिलाध्यक्ष अशोक लांडे सहित अनिलकुमार, रमेश देशमुख व राजू कलाने आदि उपस्थित थे.