अमरावती/प्रतिनिधि दि.३ – पिछले 6 वर्षो से विदेशी फंड प्राप्त ई कॉमर्स कंपनियों ने जिस प्रकार से देश के नियम एवं कानूनों का घोर उल्लघंन करते हुए भारत के ई कॉमर्स व्यापार को जिस सीमा तक विषाक्त कर दिया है और इस व्यापार को अपने कब्जे में लेने का जो षडयंत्र रचा जा रहा है उसको लेकर अब देश भर के व्यापारी लामबंद हो गए है. अब इन बडी ई कॉमर्स कंपनियों की व्यापारिक नीतियों के खिलाफ डटकर मुकाबला करने तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों से ई कॉमर्स व्यापार में आवश्यक सुधार लाने के लिए नियम एवं कानूनों को लागू करने की मांग को लेकर कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आगामी 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक एक राष्ट्रव्यापी ई कॉमर्स पर हल्ला बोल अभियान शुरु करने का निर्णय लिया है.
बी.सी. भरतीया एवं प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि कुछ बडी ई कॉमर्स कंपनियां भारत के ई कॉमर्स व्यापार को अपनी बपौती मान बैठी है और येन केन प्रकारेण न केवल ई कॉमर्स बल्कि देश के रिटेल व्यापार पर भी अपना कब्जा जमाने की कोशिश कर रही है और उनकी सहायता अपने देश के कुछ लोग उनके स्वर में स्वर मिलाकर कर रहे है. इन लोगों में कुछ या तो सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी है या फिर सेवा विस्तार वाले लोग है जिन्होंने अपने कथित थिंक टैंक बना रखे है और जिनकी मार्फत आदतन ये लोग सरकार व्दारा जब भी ई कॉमर्स में कोई नियम बनता है या नीति बनती है या फिर सुधार की प्रक्रिया शुरु होती है तब ये बडी कंपनियां ऐसे किसी भी कदम में रोडे अटकाने में कोई कसर नहीं छोडती क्योंकि यदि नियम, कानून अथवा सुधार लागू होते है तो उससे सीधा इनके व्यापार का वर्तमान का तानाशाही मॉडल प्रभावित होता है जिसके जरिए यह कंपनियां ईस्ट इंडिया कंपनी का नवीनतम अवतार बनाना चाहती है.
भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा कि कैट के बैनर तले देश के 40 हजार से ज्यादा व्यापारी संगठन केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री पियुष गोयल व्दारा उपभोक्ता कानून के अंतर्गत ई कॉमर्स नियमों के ड्राफ्ट का खुला समर्थन करते है और यह नियम तुरंत प्रभाव से लागू करने के लिए देश भर में हल्लाबोल अभियान शुरु किया जाएगा.