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गोल्डन फाईबर की कैंटिंग में इल्लियां और कचरा

स्वास्थ विभाग ने प्रस्तुत की रिपोर्ट

अमरावती /दि. 16– नांदगांव पेठ एमआईडीसी की गोल्डन फाईबर प्रा.लि. के कामगारों को 12 जनवरी से उलटियां, पेट दर्द की तकलीफ शुरु हो गई थी. यह विषबाधा कंपनी के 100 से अधिक कामगारों को होने के कारण इस कंपनी का पेयजल और कैंटिंग के खाद्य पदार्थ के नमूने लिए गए है. चार दिन बितने के बावजून नमूनों की रिपोर्ट स्वास्थ विभाग को प्राप्त नहीं हुई है. लेकिन इस कंपनी में जिस कैंटिंग में हर दिन सैकडों कामगार नाश्ता और खाना खाते है, उस कैंटिंग के लिए आवश्यक रहा लाईसेंस ही कैंटिंग चालक ने अन्न व औषधि प्रशासन से नहीं लिया है.
कंपनी व्यवस्थापन को भी कैंटिंग संचालक के पास लाईसेंस है अथवा नहीं यह देखना आवश्यक नहीं लगा. एफडीए अब इस प्रकरण में संबंधित पर दंडात्मक कार्रवाई करनेवाली है. इस प्रकरण के बाद स्वास्थ विभाग के दल ने प्रत्यक्ष वहां का जायजा किया. साथ ही कुछ मरीजों के साथ उन्होंने चर्चा की. इस आधार पर उन्होंने जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रस्तुत की. इस रिपोर्ट में उन्होंने दर्ज किया है कि, मरीजों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अनाज की गुणवत्ता कम दर्जे की थी. वहां के उपहार गृह में खाने की जगह पर तथा रसोई घर में काफी गंदगी और इल्लियां भी दिखाई दी. बचे हुए अनाज को फेंका नहीं गया था. सुबह तैयार किया अनाज सुबह, दोपहर और शाम में इस्तेमाल किया जा रहा था. ऐसे मुद्दे जिलाधिकारी के पास भेजे गए रिपोर्ट में दर्ज है. साथ ही अन्न व औषधि प्रशासन ने भी जिलाधिकारी के पास रिपोर्ट भेजी है. उन्होंने दर्ज किया है कि, इस कंपनी कैंटिंग में आवश्यक रहा लाईसेंस ही नहीं लिया है. साथ ही कैंटिंग की तुअर दाल, उडद दाल, हलदी, मिर्ची और तेल के नमूने लिए गए है.

* जल नमूनों की रिपोर्ट अब तक नहीं मिली
गोल्डन फाईबर कंपनी के करीबन 100 से अधिक कामगारों को एक साथ उलटी और पेट दर्द की तकलीफ हुई. इस घटना से कामगारों में दहशत का वातावरण निर्माण हो गया है. यह तकलीफ दूषित पानी अथवा खाद्य पदार्थ के कारण हो सकती है, ऐसा अनुमान पहले दिन वैद्यकीय विशेषज्ञों ने व्यक्त किया था. इस कारण स्वास्थ विभाग ने तत्काल कामगारों को पिने के लिए कंपनी में रहे पानी और खाद्य पदार्थ के नमूने जांच के लिए भेजे है. जल नमूनों की जांच रिपोर्ट दो अथवा तीन दिन में मिलना अपेक्षित था. लेकिन अब तक यह रिपोर्ट स्वास्थ विभाग को प्राप्त नहीं हुई है.

* कंपनी को दी नोटिस
कंपनी की कैंटिंग पर हर दिन सैकडों कामगार खाद्य पदार्थ खाते है. इस कारण कैंटिंग संचालक द्वारा एफडीए का लाईसेंस लेना अनिवार्य है. लेकिन इस कैंटिंग का लाईसेंस नहीं है. इस बाबत हमने नोटिस दी है. जल्द ही कानूनी प्रक्रिया पूर्ण कर दंडात्मक कार्रवाई की जानेवाली है.
– भाऊराव चव्हाण, सहायक आयुक्त, अन्न व औषधि प्रशासन.

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