मवेशियों को भी एसिडीटी, कारण क्या और उपाय कौनसे?
इस बीमारी पर समय पर सावधानी बरतना आवश्यक

अमरावती/दि.14 – बिल्कुल इंसानों की तरह पशुओं में ‘एसिडीटी’ जैसी समस्या भी देखी गई है. जिसे ‘एसीड पॉइझनिंग’ कहते है. यह तब होता है, जब पाचन तंत्र में अधिक एसीड (आम्ल) बनता है. पशुओं के पेट में असंतुलन के कारण भोजन ठीक से पच नहीं पाता. इसलिए इसके कारण अनेक स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं पैदा होती है. यह समस्या गाय और भैस जैसे दुधारु पशुओं में ज्यादा होती है.
खाना बिना पचे सड़ जाता है. इससे गैस बनती है. आंतें फूल जाती हैं. पेट फूल जाता है, पशु सुस्त और बेचैन दिखता है. रूमेन बंद हो जाता है. सड़े हुए भोजन से विषाक्त पदार्थ बनते हैं. इससे शरीर में विषाक्त पदार्थ मिल जाते हैं. इसका असर पूरे स्वास्थ्य पर पड़ता है. ‘एसिडोसिस’ (आम्लपित्त) का विकास मुख्य रूप से मनुष्यों में देखा जाता है, जबकि एसिडोसिस जानवरों में देखा जाता है. हालांकि दोनों की प्रकृति समान है, लेकिन इसके कारण और प्रभाव अलग-अलग दिखाई देते हैं.
* भोजन आँतों में पचता नहीं, सड़ता है
जानवरों में एसिडिटी होने के कई कारण हैं. इसका मुख्य कारण है फर्श पर फेंका हुआ कुछ भी खाना. बड़े जानवरों के खाने में हमेशा प्लास्टिक और कागज़ मौजूद रहता है. छोटे जानवरों के फर्श पर सड़ा-गला, बासी खाना खाने से एसिडिटी होती है. एसिडिटी की वजह से आंतों में खाना पचता नहीं है, बल्कि सड़ने की प्रक्रिया होती है. इससे उनका पाचन बाधित होता है. पेट में गैस बनती है. इससे पेट में दर्द और बेचैनी हो सकती है.
* पशुओं में एसिड विषाक्तता के क्या कारण हैं?
– अत्यधिक अनाज युक्त आहार, कम चारा और कम रूमेन. भोजन परिवर्तन का तत्काल प्रभाव.
– खराब या खराब हो चुके खाद्य पदार्थ.
– कम आहार फाइबर का सेवन.
* एसिडोसिस और आम्लपित्त में क्या अंतर है?
एसिडोसिस तब होता है जब रक्त और अन्य तरल पदार्थों में एसिड का स्तर बढ़ जाता है. एसिडोसिस तब होता है जब पेट में बनने वाला एसिड ग्रासनली से होते हुए गले में चला जाता है. इस पर पशुपालकों को समय रहते ध्यान देने की आवश्यकता है.
* जानवरों के नियंत्रण से बाहर हो जाने का खतरा
अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह बीमारी गंभीर हो सकती है. अगर जहरीले तत्व खून में मिल जाएं तो पशु की मौत भी हो सकती है.
* पशुचिकित्सक की सलाह के बिना दवा देने से बचें
जैसे ही यह स्थिति दिखे, तुरंत पशु चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए. केवल एक विशेषज्ञ चिकित्सक को ही उपचार के लिए उचित दवाएँ, सलाइन या विशेष आहार की योजना बनानी चाहिए.
* समय पर उपचार जरुरी
एसिडोसिस एक बहुत ही गंभीर स्थिति है. इसे समय रहते पहचानना और उचित उपचार करवाना आवश्यक है. पशुओं के आहार में उचित मात्रा में हरा चारा, फाइबर और भरपूर पानी होना आवश्यक है. बासी भोजन देने से बचें.
– डॉ. पुरुषोत्तम सोलंके,
जिला पशुपालन अधिकारी,
जिला परिषद.