सीबीसी जांच कहीं रू. 200 में तो कहीं हो रही रू. 500 में
अत्याधुनिक मशीने होने के कारण शुल्क में अंतर
* लैब की रिपोर्ट समान ही
नागपुर/ दि.12– चिकित्सा विज्ञान क्षेत्र में रोगी की बीमारी का निदान करना ही उपचार की प्राथमिकता होती है. इसके लिए मल, मूत्र और रक्त की जांच को प्राथमिकता दी जाती है. शहर की विविध लैबों में इस टेस्ट के लिए अलग- अलग शुल्क वसूला जाता है. क्योंकि इन दरों पर किसी का नियंत्रण नहीं है. हाल ही में चुनिंदा जांच के लिए 800 से 1200 रूपए के विज्ञापन देखने को मिल रहे है. इससे मरीजों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में यह सवाल भी खडा हो रहा है कि किस पर भरोसा किया जाए.
* दरों में अंतर क्यों ?
अब कई नामी कंपनियां भी पैथोलॉजी के क्षेत्र में उतर चुकी है. उनके विज्ञापन भी देखने को मिल रहे है. जिसमें बेसिक जांच एक निश्चित दर पर किए जाने की बात कहीं जा रही है. कुछ कंपनियां नागपुर से सेम्पल लेकर पुणे, मुंबई भेजती है तो कुछ यहीं पर जांच करती है. इनकी दरें उनके द्बारा प्रदान की जानेवाली सेवाओं, उनके पास मौजूद उपकरणों के आधार पर तय की जाती है. संभवत: इसीलिए दरों में अंतर होता है. लेकिन कुछ लैब संचालकों का कहना है कि अंतर ज्यादा नहीं है. उनका यह भी कहना है कि भले ही दरों में अंतर है लेकिन रिपोर्ट एक जैसी ही होती है.
* इस पर नियंत्रण किसका ?
कोई भी सीधे तौर पर जांच की दरों को नियंत्रित नहीं करता है. स्वास्थ्य विभाग केवल यह देखता है कि ब्लड टेस्ट के दौरान सुरक्षा अधिनियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं इसलिए जांच की दरों पर नहीं स्वास्थ्य विभाग का नियंत्रण है और न ही कोई भी अन्य विभाग इस पर ध्यान दे रहा है.
* पैथालॉजी लैब में कौन -कौन से टेस्ट होते है ?
पैथालॉजी लैबों में मुख्य रूप से रक्त, मूत्र, गले के स्त्राव, थूक आदि की जांच की जाती है. इनमें से अधिकांश जांचों में रक्त के नमूने लिए जाते है. इनमें ‘सीबीसी’ एक बडी जांच है. इस जांच में रक्त में संक्रमण, श्वेत कोशिकाए, लाल कोशिकाएं की संख्या, हीमोग्लोबिन सहित अन्य जांचों का पता चलता है. इन जांचों के तरीके अलग- अलग होते है. इसके लिए आवश्यक मशीने भी अलग- अलग होती है.
* यह देखिएं निजी लैब की दरें
जांच के प्रकार अ ब क
सीबीसी 500 350 200
टीसीएच 700 400 300
लिपिड प्रोफाइल 900 880 280