अमरावती

सीबीएसई की दसवीं के विद्यार्थी नहीं होंगे फेल

अभिभावकोें ने किया फैसले का स्वागत

अमरावती/दि.5 – केंद्रीय माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल यानी सीबीएसई बोर्ड के नये नियमानुसार यदि कक्षा 10 वीं का कोई विद्यार्थी गणित या विज्ञान विषय में अनुत्तीर्ण होता है, और ऐच्छिक विषय के तौर पर लिए गए कौशल्य आधारित विषय में उत्तीर्ण रहता है, तो उसे उत्तीर्ण ही माना जायेगो. सीबीएसई बोर्ड के इस फैसले का अभिभावकों द्वारा स्वागत किया जा रहा है. साथ ही यह अपेक्षा भी व्यक्त की जा रही है कि, विद्यार्थियोें को ऐच्छिक विषयों का मार्गदर्शन विशेषज्ञों के जरिये प्राप्त हो.
बता देें कि सीबीएसई की कक्षा 10 वीं के विद्यार्थियों हेतु विविध ऐच्छिक विषय दिये गये है. जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स, इन्फरमेशन टेक्नालॉजी व कंप्यूटर सायन्स जैसे विषयों का समावेश है. इन विद्यार्थियोें का परीक्षा परिणाम ‘बेस्ट ऑफ फाईव सब्जेक्ट’ सहित उपरोक्त नियम के आधार पर तय किया जायेगा. ऐसे में अब सीबीएसई की परीक्षा में कक्षा 10 वीं का कोई भी विद्यार्थी अनुत्तीर्ण नहीं होगा. साथ ही विद्यार्थियों का शैक्षणिक वर्ष भी व्यर्थ नहीं जायेगा. केंद्र सरकार के स्किल इंडिया इनिसिएटीव को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई द्वारा यह निर्णय लिया गया है. जिसके लिए कहा जा रहा है कि, सीबीएसई की ओर से निश्चित किये गये कौशल्य आधारित विषयों की वजह से विद्यार्थियों की पढाई-लिखाई में रूचि बढती है. ऐसे में विद्यार्थियों, अभिभावकों व शिक्षकोें की ओर से इस निर्णय का स्वागत किया जा रहा है.
बता दें कि, अमरावती जिले में सीबीएसई की कक्षा 10 वीं में कुल 1248 विद्यार्थी है, जिनमें 625 छात्रों व 623 छात्राओं का समावेश है. सीबीएसई की कक्षा 10 वीं में विद्यार्थियोें के लिए पांच विषय अनिवार्य होते है. साथ ही उन्हेें एक कौशल्य आधारित विषय चुनने का अवसर मिलता है. ऐसे में इस विषय में अनुत्तीर्ण होने का प्रश्न ही नहीं उठता. इस लिहाज से यदि अनिवार्य विषयों में से किसी विषय में कोई विद्यार्थी अनुत्तीर्ण हो भी जाता है, तो ऐच्छिक विषय में उत्तीर्ण रहने के चलते उसे उस विषय में करियर बनाने हेतु पात्र माना जायेगा. साथ ही उत्तीर्ण घोषित किया जायेगा. ऐसी जानकारी सीबीएसई शालाओं के संचालकों द्वारा दी गई है. साथ ही कई अभिभावकों का यह भी मानना है कि, इस वर्ष कोरोना संक्रमण की वजह से लंबे समय तक शालाएं बंद रही और विद्यार्थियोें की पढाई-लिखाई का काम बुरी तरह से प्रभावित हुआ. ऐसे में इस फैसले से विद्यार्थियोें को काफी हद तक राहत मिलेगी. साथ ही वे अपनी रूचि व कौशल्यवाले विषयों के साथ आगे बढ सकेंगे. जिससे उनकी प्रतिभा तो निखरने व उभरने का अवसर मिलेगा.

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