रामनवमी, हनुमान जयंती उत्सव साधारण तरीके से मनाये
कोरोना की दूसरी लहर के कारण इस साल भी वही स्थिति
अमरावती/दि.15 – दूसरे साल भी कोरोना का संकट मंडराने लगा है. इसलिए गुढी पाड़वा के साथ साथ विविध त्यौहार उत्साह से मनाते हुए कोरोना के नियम भी पालना पड़ेगा. मंगलवार, 13 अप्रैल को गुढी पाडवा का त्यौहार संपन्न हुआ. 14 अप्रैल को डॉ. बाबासाहब आंबेडकर जयंती उत्सव, पवित्र रमजान महिना है.21 अप्रैल को रामनवमी तथा 27 अप्रैल को हनुमान जयंती है. गुढी पाडवा यह त्यौहार महाराष्ट्र में बहुत उत्साह से मनाया जाता है.
साडेतीन मुहूर्त में से एक यह दिन सभी प्रकार का वैभव लेकर आया है. हिन्दू धर्म पंचाग के अनुसार गुढी पाडवे को नये साल की शुरूआत हो गई है. उसी के साथ बसंत ऋतु की शुरूआत इस दिन होती है. अंग्रेजी महिने के अनुसार जैसा 1 जनवरी को कॅलेंडर बदलता है. उसी प्रकार गुढ़ी पाड़वे के दिन हिन्दू धर्म के नये साल की शुरूआत हो गई है. साडेतीन मुहूर्त में से यह एक मुहूर्त है. इस दिन नये वस्तुओं की खरीदी व्यवसाय प्रारंभ, नये उपक्रम का प्रारंभ, सुवर्ण खरीदी आदि कार्य किए जाते है. दरवाजे पर उभारी गई गुढी यह विजय और समृध्दी का प्रतीक मानी जाती है. किंतु इस साल कोरोना के कारण 30 अप्रैल तक दुकान बंद रहने का आदेश होने से खरीदी पर कोरोना की छाया है. नये साल की शुरूआत में ही कोरोना की दूसरी लहर अति तीव्र होने के कारण कोरोना का डर घर घर में हो गया है. जिसके कारण गुढी पाडवा व उसके साथ साथ रामनवमी, हनुमान जयंती इन त्यौहारो पर कोरोना की दूसरी लहर की छाया पड़ गई है.
साधारण तरीके से मनाये उत्सव
मराठी नये साल की शुरूआत कोरोना की छाया में हो गई. इसके बाद रामनवमी, हनुमान जयंती का उत्सव भी कोरोना के नियम का पालन कर साधारण तरीके से मनाना होगा. आगामी त्यौहार उत्साह से मनाते समय कोरोना को हद्दपार करने का निश्चय होना आवश्यक है.