अमरावती

होली का त्यौहार वृक्ष पूजन कर उत्साह से मनाए

श्री साई बाबा विद्यालय के विद्यार्थियों का आवाहन

अमरावती/दि.25 – श्री साईबाबा विद्यालय, साईनगर अमरावती राष्ट्रीय हरित सेना यूनिट की ओर से होली का त्यौहार, वृक्ष पूजन करके व रासायनिक रंगों का उपयोग टालकर उत्साह से मनाने का आवाहन किया है. होली यह त्यौहार अपनी संस्कृति में एक महत्वपूर्ण त्यौहार है. यह त्यौहार मुख्य रूप से दो भागों में रहता है.
होलिका को यह वरदान था कि वह जिस को भी आग मेें लेकर बैठेगी वह भस्म हो जायेगा और वह बच जायेगी. लेकिन वह मन में द्वेष और कपट रखने के कारण अग्नि में ही भस्म हो गई. किंतु प्रल्हाद यह सात्विक व शुध्द अंतकरण से अग्नि में बैठने के कारण उसे कोई भी कष्ट नहीं हुआ. उसी प्रकार इस दिन अपने मन में द्वेष, कपट ईर्ष्या, राग यह दुर्गुणों को नष्ट करने के लिए यह त्यौहार होता है. लेकिन अपन आज होलिका दहन के नाम पर पेड़ों को नष्ट करके उन्हें जलाकर वायु प्रदूषण करते है इस पर्याय से हम पर्यावरण का र्‍हास करते है.इस संबध में विचार करने की आवश्यकता है. एक ओर तो हम वृक्ष लगाओं, पर्यावरण बचाओं ये नारे लगाते है व दूसरी ओर हम होली, दशहरे को इस त्यौहार के निमित्त से पेड़ों का कत्ल करते है. इसे हम क्या कहे? त्यौहार मनाना या पर्यावरण का विनाश ?
होली के दूसरे दिन ध्ाुलंडी मनाई जाती है. इस दिन एक दूसरे को रंग लगाये जाते है और पानी फेंका जाता है. शास्त्रनुसार इस दिन गुलाल व अंबीर लगाकर पलाश के फूलों से तैयार किया गया रंग से पानी फेंकने की परंपरा है. परंतु आज हम सस्ते रासायनिक रंगों का उपयोग करके हम स्वयं का ही नुकसान करते है. इस हानिकारक रसायन में औद्योगिक क्षेत्रों में उपयोग किए जानेवाले रसायन होता है जो मनुष्य के शरीर के लिए हानिकारक होता है. जिससे त्वचा के विकार, आँखों के विकार, श्वास की बीमारी, एलर्जी आदि घातक परिणाम होते है.
शाला की मुख्याध्यापिका जयश्री शिरभाते, राष्ट्रीय हरित सेना प्रभारी शिक्षक विजय मानकर, सर्व शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की ओर से होली का त्यौहार वृक्ष पूजन करके व रासायनिक रंगों का उपयोग टालकर उत्साह से मनाने का आवाहन किया गया.

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