नांदगांव पेठ-दि.6 वाचनालय को सिर्फ पढ़ने तक ही मर्यादित न रखते हुए मनुष्य को साकार करने वाला उपक्रम गत तीस वर्षों से लगातार सार्वजनिक वाचनालय द्वारा चलाया जा रहा है. विदर्भ में वाचनालय ने अपने कार्यों की एक अलग छाप छोड़ी है. वाचन संस्कृति के साथ ही सार्वजनिक वाचनालयों ने उतने ही अपनेपन से लोगों को करीब लाया है, यह अभिमानास्पद है. ऐसा प्रतिपादन सार्वजनिक वाचनालय के मार्गदर्शक सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. गोविंद कासट ने वाचनालय के 31 वें वर्धापन दिन कार्यक्रम निमित्त किया. कासट के अमृत महोत्सवी वर्ष निमित्त 75 मिनट का सुंदर कार्यक्रम संत काशीनाथ महाराज सभागृह में आयोजित किया गया था.
भारतीय जैन संगठना के उपाध्यक्ष सुदर्शन गांग की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में सत्कारमूर्ति डॉ. गोविंद कासट, प्रमुख अतिथि के रुप में प्रा. डॉ.सुभाष गवई,सामाजिक कार्यकर्ता रजिया सुलताना, स्व. हिराबाई गुल्हाने चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष विवेक गुल्हाने, संत अच्युत महाराज हार्ट हॉस्पिटल के मार्गदर्शक धीरुभाई छांगाणी, शिवाजी झोबाले आदि मंचासीन थे. महात्मा गांधी व लाल बहादूर शास्त्री की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पूजन कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई. डॉ. गोविंद कासट के अमृत महोत्सवी वर्ष निमित्त वाचनालय की ओर से उनका सत्कार कर उन्हें 75 गठ्ठे रद्दी भेंट के रुप में दी गई.
इस अवसर पर वाचनालय के अध्यक्ष पंजाबराव सुंदरकर, सय्यद सर, यु. जी. पुरी, उदय चंदेल, नवल मालपाणी, संजय चापके, राजू डांगे, माऊली अर्चना घिके, उमेकर, अविनाश राजगुरे, पत्रकार मंगेश तायडे. राजेन्द्र तुले, मंगेश गाडगे, शशांक वाठ, प्रा. मोरेश्वर इंगले, गुलाम अन्सारी, मयूर मुले, दत्ता पांढरीकर, शुभम जोगे, काशीराम चांदूरकर, विजय राऊत, पंचशिला तलवारे, अंजु पांढरीकर सहित वाचनालय के विद्यार्थी, गांववासी, युवा बड़ी संख्या में उपस्थित थे.