अमरावती/प्रतिनिधि दि.३१ – खेल व्यक्ति के जीवन का सबसे अहम हिस्सा होता है. इसके माध्यम से ही वह अपना शारीरिक और मानिसक रुप से पूर्ण विकास कर पाता है एवं खेलने की कोई उम्र नहीं होती. शारीरिक खेल एक व्यायाम है जो मन के साथ-साथ मन को भी स्वास्थ्य रखता है. आज के दिन भारतवर्ष में एक अदभुत हस्ती जिसे हॉकी का जादूगर कहा जाता है, मेजर ध्यानचंद का जन्म हुआ था जिनके नाम पर मेजर ध्यानचंद रत्न पुरस्कार की घोषणा की गई थी. उनके सम्मान में आज के दिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रुप में भारत वर्ष में मनाया जा रहा है.
कोविड-19 महामारी के मुश्किल दौर में एक जगह एकत्र होना संभव नहीं होने के बाद भी डीपीएम अमरावती के छात्रों व शिक्षकों व्दारा ऑनलाइन/ऑफलाइन पद्धति से मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया. स्कूल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डी.ए. पाटिल एवं प्राचार्या एच.एस. देसाई के करकमलों से पूजन कर मां सरस्वती एवं मेजर ध्यानचंद के चित्रों पर माल्यार्पण किया. स्कूल के शिक्षक सजल मंडल व महिला क्रीडा शिक्षिका संगीता साहू के मार्गदर्शन में छात्र-छात्राओं ने विभिन्न व्यायामों का प्रदर्शन किया.कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका नूरजहां व्दारा किया गया. इस समय प्राचार्य एच.एस. देसाई व्दारा मेजर ध्यानचंद जी की हॉकी का जादूगर की कहानी से सभी को अवगत कराया, साथ ही बताया कि उनके बेटे अशोक ध्यानचंद व्दारा स्कूल में आकर इंडोर स्पोर्ट्स एरिया एवं मल्टी डायमेंशनल प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए कहा था कि इस स्कूल की सुविधाएं देखकर एवं बच्चों से मिलकर दिल खुश हो गया. उन्होंने कहा कि खेल से अनुशासन, सांस्कृतिक चरित्र, शिक्षा, स्वास्थ्य, प्ररेणा, शक्ति, जुझारुपन एवं सपने साकार करने का जज्बा मिलता है, इसलिए स्कूल में यह खेलकूद एवं अन्य गतिविधियों को भी आवश्यक किया गया है.