अमरावती

हिंदू स्मशान भूमि को लकड़ी प्रदान करके रामचंद्र गुल्हाने का जन्मदिन मनाया

डॉ. गोविंद कासट मित्र मंडल का आयोजन

अमरावती/दि.4- बीएसएनएल से सेवानिवृत्त हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल मास्टर एथलेटिक्स आंदोलन से जुड़े,अंधों और विकलांगों के लिए काम करने में डॉ. गोविंद कासट मित्र मंडल का हमेशा समर्थन करने वाले एकनाथपुरम डिवीजन के निवासी रामचंद्र गुल्हाने का 69 वां जन्मदिन मित्र मंडल द्वारा हिंदू श्मशान में लकड़ी प्रदान करके मनाया गया.
कार्यक्रम अध्यक्षता देवदत्त शर्मा ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में दो हिन्दू स्मशान भूमि के ट्रस्टी राजू मूंदड़ा व प्राचार्य डॉ. सुभाष गवई, राजू डांगे, काशीनाथ फुटाने, विनोदी इंगोले, सतीश वडनेरकर, प्रफुल्ल निमकर, प्रकाश लोहार, डॉ. गोविंद कासट, प्रबंधक किशोर मुंदड़ा एवं कार्यालय प्रमुख एकनाथ इंगले मुख्य रूप से उपस्थित थे.
रामचन्द्र गुल्हाने का परिचय डॉ. गोविंद कासट द्वारा किया गया. प्राचार्य डॉ. सुभाष गवई ने अपने प्रभावी भाषण में लकड़ी उपलब्ध कराना, कब्रिस्तान की साफ-सफाई आदि मुद्दों का जिक्र किया. राजू डांगे ने हमेशा की तरह कार्यक्रम के आयोजन आदि विषय पर प्रकाश डालते हुए सभी की सराहना की. श्मशान घाट पर नियमित रूप से आने वाले राजू मुंदड़ा ने कहा कि, सभी लोगों को सभी अंधविश्वासों को तोड़कर इलेक्ट्रिक दहिनी का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि भविष्य में लकड़ी की अधिक कमी होगी और आज बड़े शहरों में इलेक्ट्रिक दहिनी का कोई विकल्प नहीं है.
अभिनंदन के प्रत्युत्तर में भले ही हम आज मित्रों को लकड़ी देने आये हैं, मेरी इच्छा है कि भविष्य में मेरी अंत्यक्रिया विद्युत दाहिनी के माध्यम से हो. दोस्तों की वजह से एक बेहतरीन मौका आया. रामचन्द्र गुल्हाने ने कहा कि, वे शाम को सुपर स्पेशियलिटी में मरीजों के परिजनों को भोजन उपलब्ध कराने वाली संस्था श्री संत गजानन महाराज सेवाभावी संस्था को आवश्यक सामग्री उपलब्ध करायेंगे. इस अवसर पर हिंदू कब्रिस्तान एवं रोटरी मिडवून के माध्यम से हमेशा सेवाएं देने वाले राजू मुंदड़ा का मार्गदर्शन ने किया. पं. देवदत्त शर्मा, प्रबंधक किशोर मुंदड़ा, कार्यालय प्रमुख एवं सुप्रसिद्ध एकनाथ इंगले का सम्मान किया. पं. देवदत्त शर्मा एवं राजू मूंदड़ा ने शाल एवं पुस्तकें भेंट कर अभिनंदन किया.
कार्यक्रम में अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं ओजस्वी भाषण शैली ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. अनुभवी एवं आध्यात्मिक गुरु पं. देवदत्त शर्मा ने ’क्या लेके आये और क्या लेके जाएंगे’ से शुरुआत की और कई दोहों और कविताओं के माध्यम से जीवन जीने की कला से लेकर तमाम बातों का जिक्र करते हुए दोस्तों को धन्यवाद दिया. उन्होंने हिंदू श्मशान भूमि का दौरा करते हुए अपने सहयोगियों और कई महानुभावों की प्रशंसा की और आशा व्यक्त की कि यहां का माहौल देखकर दाह संस्कार संभव होगा. डॉ. गोविंद कासट मित्र मंडल ने अपने परिवार में प्रदीप गोविंद और दीप्ति प्रदीप कासट की 10 वीं शादी की सालगिरह मनाई, एक साइकिल प्रदान और राशि का दान दिया. संचालन डॉ. गोविंद कासट ने किया और मित्रों को संस्था को 7000 रुपये दान देने के लिए आमंत्रित किया. संत गजानन महाराज धर्मार्थ संस्था कार्य कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. सुभाष गवई, शौर्य निमकर, शरद सोनटक्के, प्रफुल्ल निमकर, सतीश वडनेरकर, सुनील सपकाल, डॉ. गोविंद कासट मौजूद रहे.

 

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