अमरावती

बंजारा समाज में तीज विसर्जन की धूम

10 दिवसीय उत्सव का शानदार समापन

अमरावती/दि.11– पिछले दस दिनों से महानगर में बंजारा समाज की सांस्कृतिक पहचान रखने वाले तीज महोत्सव का समापन बड़े उत्साह के साथ किया गया. श्रावण माह में रहने वाला यह तीज महोत्सव यानि अविवाहित युवतियों के जीवन का आनंद पर्व इसके लिए बंजारा समाज के प्रत्येक परिवार की विशेषतः महिला और युवतियां एकत्रित होकर दस दिन बड़े उत्साह के साथ तीज उत्सव मनाते हैं. इस कारण सामाजिक बंधुभाव बढ़ता रहने का प्रतिपादन कार्यक्रम के अध्यक्ष उदयसिंह राठौड ने किया.
‘मन लोवडी दरादरे वीर, आज म चाली रं…’ यह गीत की पंक्तियां अनेक साल से दिल हिलाकर रख देती है. अब हम पूरा वर्ष नहीं मिलेंगे, इस विरह का दुख तथा फिर मिलने की उत्कंठा इससे व्यक्त होती है. अमरावती शहर में विभिन्न इलाकों से नौकरी, व्यवसाय और शिक्षा के लिए आने के बाद स्थायी हुआ बंजारा समाज अपना सांस्कृतिकता आज भी कायम रखे हुए हैं. परंपरा के मुताबिक बंजारा बस्तियों के नायक सुभाष चव्हाण के घर से 30 अगस्त को तीज महोत्सव की शुरुआत तीज रोपण कर की गई थी. शंकरनगर, अर्जुन नगर, वीएमवी परिसर, रवि नगर, मंगलधाम परिसर तथा एसआरपी कैम्प परिसर में आनंदोत्सव का आयोजन किया गया. दस दिन चले इस उत्सव में शहर की सैकड़ों महिलाएं व युवतियां शामिल हुई. गाय-बछड़ों का पालन करने वाला बंजारा समाज रहने से श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना बड़ी श्रद्धा से की जाती है. 9 सितंबर को गणगौर/ढंबोली का कार्यक्रम मनाया गया. इस अवसर पर पारंपरिक नृत्य और गीत प्रस्तुत कर श्रीकृष्ण व राधा की पूजा की गई. पश्चात 10 सितंबर को संस्कार लॉन में उत्सव का समापन किया गया. इस अवसर पर उदयसिंग राठौड ने कहा कि बंजारा समाज यह मेहनती समाज है. इस समाज में अथक परिश्रम से देश का व्यापार बढ़ाया. देश की तत्कालीन समाज व्यवस्था को जीवित रखने का काम इस समाज ने किया. रात-दिन भटकते हुए श्रम परिहार के लिए लोकगीत निर्माण किए. तीज उत्सव में गाये जाने वाले गीत इसकी गवाही दे रहे हैं. बंजारा पर्व व उत्सव से बंजारा जनजीवन व संस्कृति के दर्शन होते हैं. ऐसा सेवानिवृत्त जिला नियोजन अधिकारी श्याम चव्हाण ने कहा. इस अवसर पर मंच पर सुभाष चव्हाण, प्रभारी शंकर चव्हाण, डॉ. अमरसिंग राठोड, सेवानिवृत्त शिक्षा उपसंचालक राम पवार, चंदनसिंग राठोड, सेवानिवृत्त जिलानियोजन अधिकारी श्याम चव्हाण, डॉ. जयवंत वडते, जयसिंग राठोड, प्रवीण राठोड, दादाराव चव्हाण, उपकुलसचिव ज्ञानेश्वर राठोड, मोतीलाल जाधव, अजाबराव राठोड़, हीरालाल जाधव, हासाबी मनोहर चव्हाण, नसाबी रामाडे, आसामी बालकदास जाधव, विनोद पवार, सुहास चव्हाण आदि उपस्थित थे. प्रास्ताविक सुभाष चव्हाण ने किया. कार्यक्रम में अनिता चव्हाण, योगिता चव्हाण,अनिता पवार,शशिकला जाधव,पार्वती राठोड, संजीवनी राठोड, संगीता वडते, सरिता राठोड, बेबी राठोड, शोभा चव्हाण, सुनिता राठोड, विमल राठोड, विमल आडे, सुरेखा जाधव, राविता आडे, नीरु जाधव, प्रेमा चव्हाण, बेबीताई पवार, मीरा चव्हाण, सावित्री जाधव, मालती राठोड, पुष्पा जाधव, वनिता चव्हाण, लता राठोड, शांता राठोड, जयश्री राठोड, ललिता राठोड, प्रीति राठोड, किरण राठोड, बबिता राठोड समेत बंजारा समाज की महिलाएं व युवतियां बड़ी संख्या में अपनी पारंपारिक वेशभूषा में उपस्थित थी. कार्यक्रम की रुपरेखा मोहन चव्हाण ने तथा आभार प्रदर्शन डॉ. शंकर चव्हाण ने किया. कार्यक्रम की सफलतार्थ अनेकोें ने परिश्रम किए.

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