सरन्यायाधीश भूषण गवई के शपथ ग्रहण के मौके पर उनके जन्मगांव दारापुर में जश्न

ग्रामवासियों के चेहरे पर दिखाई दी खुशी, गांव में हर्षोल्लास का वातावरण

दारापुर  /दि.15– अपनी पवित्र माती से बने सुपुत्र भूषण गवई देश की सबसे बड़ी न्याव संस्था सर्वोच्च शिखर मुख्य न्यायाधीश के पद पर विराजित हुए हैं. भूषण दादा गवई साहब की सर्वोच्च न्यायालय के मुख्खा न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति न केवल उनके लिए व्यक्तिगत सम्मान है, बल्कि दारापुर गांव के लिए, विदर्भ के लिए और समानता के मूल्यों में विश्वास रखने वाले सभी लोगों के लिए भी गौरव का क्षण है. इस ऐतिहासिक एवं गौरवशाली क्षण का साक्षी बनने के लिए उनके गृहनगर दारापुर में ’शपथ ग्रहण समारोह’ बड़े उत्साह एवं गौरव के साथ मनाया गया. इस समय पूरे गांव में उत्साह, प्रेरणा और गर्व की लहर दौड़ गई.
कार्यक्रम की शुरूआत छत्रपति संभाजी महाराज, भारत डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर और श्री की छवि की पूजा के साथ हुई. दादासाहेब गवई, इसके बाद माननीय भूषण दादा गवई के कार्य और संघर्ष का संक्षिप्त परिचय दिया गया 24 नवंबर 1960 को जन्मे माननीय. भूषण दादा गवई ने नागपुर विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की उच्च न्यायालय में वकालते करते हुए उन्होंने लगातार सामाजिक न्याय के लिए लड़ाई लड़ी. 2003 में बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त, फिर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, और अब 2025 में भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालना यह यात्रा ग्रामीणों और विशेषकर छात्रों के लिए प्रेरणादायक रही है.
इस अभिनंदन समारोह में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. डी. टी. इंगोले ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, दारापुर की पवित्र धरती ने देश को न्याय का दीपक दिया है. भूषण गवई के कार्यों को विद्यार्थियों को आदर्श के रूप में रखना चाहिए. इस अवसर पर विद्यार्थियों ने बड़े गर्व के साथ अपने शपथ ग्रहण समारोह को लाइव देखा. इस कार्यक्रम में सरपंच काजलताई धनदार, उपसरपंच जमीलजी पटेल एवं ग्राम पंचायत सदस्य एवं धम्मपाल इंगले, ग्राम पंचायत सचिव एवं कर्मचारी विनायकराव गवई, विश्वम्भर मार्के, संजयभाऊ बेलोकर, अमोल देशमुख, राजु गवई, नंदू भुसारी, मुकीम पटेल, आशीष बेथरिया, मनोहरराव इंगले, जयप्रकाश घुडें, प्रफुल श्रीखंडे, हेमन्त धुमाले, प्रकाश मोहोड़, मुकेश बनसोड, राजेश कमलापुरे एवं सभी उपस्थित थे. बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र शामिल हुए और ग्रामीणों के साथ नृत्य करके अपनी खुशी व्यक्त की. इस कार्यक्रम का उत्कृष्ट संचालन विश्वंभर मारके ने किया. इस अवसर पर डॉ. एस. टी. वरघट, प्रा. वर्षा मोरशे, डॉ. एन. एस. घोटकर, डॉ. बी. एस. शेटे, प्रा. ए. एस. बोम्बटकर, प्रा. ए. ए. चिंचमालतपुरे, प्रा. पी. एस. देशपांडे, प्रो. डी. वी अष्टोनकर, प्रा. एस. डी. गतफने, योगेश गोंडाने, ए. वी. कालमेघ सहित सभी प्राध्यापक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी व विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

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