-जल आंदोलन की चेतावनी के बाद तेज हुई हलचल
परतवाड़ा/अचलपुर/दी ६-तहसील के अंबाडा कंडारी परिसर के खेतों के बीच कृषि विभाग द्वारा निर्माण किया गया सीमेंट बांध ग्रामीणों के लिए एक नई मुसीबत बन चुका है.इस बांध पर योग्य व ठोस उपाययोजना करने के लिए क्षेत्र के नागरिक अभी तक दो मर्तबा आंदोलन भी कर चुके है.असंख्य किसानों द्वारा मनसे किसान सेना के नेतृत्व में कृषि विभाग को निवेदन देकर योग्य कार्रवाई की मांग की गई थी.विगत 26 अक्टूबर को उपविभागीय कृषि अधिकारी राहुल सातपुते तत्कालीन तहसील कृषि अधिकारी प्रफुल्ल सातव,प्रभारी मंडल अधिकारी गजानन काळे,कृषि सहायक उइके के साथ बांध स्थली का निरीक्षण किया था.इस संदर्भ में 20 किसानों द्वारा अपने लिखित बयान भी अधिकारियों को दिए गए थे.एक महीना होने के बाद भी किसानों की अड़चन पर कृषि अधिकारियों ने कोई भी ध्यान नही दिया था.तब आक्रोशित किसानों ने ऐन दीपावली के दिन बांध पर जाकर श्रद्धांजलि का अनूठा कार्यक्रम रखा था.बांध स्थली पर दीपक भी लगाए गए थे.यह अनूठा आंदोलन चर्चा में रहा.महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के किसान इकाई के जिला उपाध्यक्ष भूषण नागे ने इस मामले में आक्रमकता बरतते हुए उपविभागीय कृषि अधिकारी राहुल सातपुते को 2 दिसंबर तक विस्तृत रिपोर्ट देने की चेतावनी दी थी.अन्यथा मनसे की ओर से जल आंदोलन करने का इशारा भी दिया गया था.बरसो से किसानों द्वारा उपयोग किये जाते मार्ग को ही बांध में शामिल करने से यह तकलीफ शुरू हुई थी.करीब 20 से ज्यादा किसानों को खुद के खेत मे जाना मुश्किल हो गया था.पुलिस स्टेशन परतवाड़ा ने भी मनसे के जल आंदोलन की चेतावनी को गंभीरता से लिया.पुलिस ने एसडीओ कृषि को तत्काल जांच कर रिपोर्ट देने को कहा.उस अनुसार एसडीओ कृषि ने कल 3 दिसंबर को भूषण नागे को सुबह ही पत्र देकर योग्य जानकारी दी,वही जिला कृषि अधिकारी को अंबाडा सीमेंट बांध की आज की स्थिति पर पूरी रिपोर्ट भी प्रेषित की है.फिलहाल उक्त जल आंदोलन को स्थगित किया गया है.