अमरावती

सिमेंट के दामों में 15 फीसद इजाफा

अब भवन निर्माण करना हुआ महंगा

* ईट और गिट्टी के दाम सहित मजदूरी की दरे भी बढी
अमरावती/दि.30– घर का निर्माण करने हेतु पैसों का अच्छा खासा इंतजाम करना पडता है. जिसमें काफी दिक्कते भी आती है. ऐसे में अपने पास अच्छी खासी जमापुंजी रहने वाले लोग भी घर के निर्माण का सपना देखते है. चूंकि अब बारिश का मौसम खत्म हो चुका है. जिसके चलते दीपावली के बाद भवन निर्माण के कामों में तेजी आने की उम्मीद है. परंतु इसी दौरान सिमेंट सहित भवन निर्माण साहित्य के दामों सहित मजदूरी की दरों में भी तेजी आ जाने के चलते भवन निर्माण करना महंगा हो गया है. जिसकी वजह से भवन निर्माण का काम शुरु करने हेतु जमा की गई पुंजी का बजट कुछ हद तक गडबडा सकता है.

बता दें कि, बारिश के मौसम दौरान गिने-चुने लोगबाग ही भवन अथवा इमारत का निर्माण करवाते है. वहीं दीपावली पर्व के बाद निर्माणकार्य में तेजी आती है और मार्च से अप्रैल माह के दौरान जमकर निर्माणकार्य किए जाते है. वहीं मई व जून माह में तेज धूप रहने के चलते मजदूरों को होने वाली असुविधा को देखते हुए सुबह के समय निर्माणकार्य किए जाते है. चूंकि अब बारिश का मौसम बीत चुका है तथा दीपावली का पर्व सामने है. ऐसे में दशहरे का मुहूर्त साधते हुए कई लोगों ने अपने प्रस्तावित निर्माणकार्यों का भूमिपूजन कर लिया है तथा दीपावली पर्व के बाद निर्माणकार्यों का प्रारंभ होगा. इसे देखते हुए सिमेंट सहित ईट और गिट्टी के दामों के साथ-साथ मजदूरों की मजदूरी में अभी से इजाफा होना शुुरु हो गया है. जिसके चलते भवन निर्माण हेतु बनाया गया बजट गडबडाना शुरु हो गया है.

* 15 फीसद उछाल आया सिमेंट में
एक महिना पहले 340 रुपए प्रति बैग की दर पर मिलने वाला सिमेंट अब 370 से 380 रुपए प्रति बैग के स्तर पर जा पहुंचा है और सिमेंट के दामों में करीब 15 से 20 फीसद का उछाल आया है.

* अन्य निर्माण साहित्य के दाम
– ईट
प्रतिवर्ष गरमी के मौसम के दौरान मिट्टी से बनी ईट के दाम 7 हजार रुपए प्रति ट्रैक्टर प्रति ट्रीप तक पहुंच जाते है. परंतु इस समय ईटों के दाम 11 हजार रुपए प्रति ट्रैक्टर प्रति ट्रीप चल रहे है.
– मुरुम
इस समय गिट्टी व मुरुम के दाम प्रति ब्रास 5 से 6 हजार रुपए के आसपास चल रहे है. इसके चलते लोगों को घर का निर्माण करने हेतु उंचे दामों पर गिट्टी व मुरुम खरीदना पड रहा है.
– रेत
जिले में फिलहाल रेत के दाम 5 हजार रुपए प्रति ब्रास के आसपास चल रहे है. क्योंकि जिले में रेती घाटों की निलामी नहीं हो पायी है और सरकारी दामों में रेत उपलब्ध नहीं है. ऐसे में उंचे दामों पर रेत खरीदनी पड रही है.
– लोहा
फिलहाल लोहा यानि स्ट्रील के दाम 5 हजार 700 रुपए के आसपास है. साथ ही अलग-अलग प्रकार के अनुसार लोहे के दाम 6 हजार 200 रुपए तक है. फिलहाल लोहे के दामों को स्थिर कहा जा सकता है.

* निर्माण कार्य का बजट गडबडाया
दीपावली के समय विविध निर्माण साहित्य के दाम बढे हुए होते है. जिसके चलते इस दौरान घर का निर्माणकार्य करने हेतु ज्यादा पैसा खर्च करना पडता है. जिसकी वजह से इस समय निर्माणकार्य पर होने वाले खर्च का बजट पूरी तरह से गडबडाया हुआ है.

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