अमरावती

केंद्र की आयात नीति का तुअर पर असर

एक पखवाडे में 300 रुपए दाम कम हुए

अमरावती/दि.25- खरीफ सत्र के तुअर की आवक अब बाजार मेें बढने से भाग गिरने लगे है. विदेश से तुअर आयात करने की केंद्र की नीति का असर स्थानीय बाजार के दाम में होने लगा है. प्रतवारी व नमी का भी भाव कम होने में फर्क पडता रहने की बात खरीददारों ने कही है.
वर्तमान परिस्थिति में किसानों व्दारा खेतों में तुअर की कटाई जोरशोर से जारी है. किसानों के पास माल रखने जगह न रहने से उसे वह बाजार में बिक्री के लिए लाने लगे है. एक पखवाडा पूर्व स्थानीय उपज मंडी में 300 से 400 बोरो की आवक थी वह अब 1 हजार से अधिक हो गई है. मंगलवार को अमरावती कृषि उपज मंडी में 1027 बोरो की आवक दर्ज हुई है. लेकिन आवक बढते ही 300 रुपए प्रति क्विंटल दाम गिर गए थे. 9 जनवरी से इसी मंडी में तुअर के 6500 से 7420 रुपए भाव प्रति क्विंटल मिल रहे थे वह मंगलवार को गिरकर 6250 से 7100 रुपए हो गए. एक पखवाडे में 300 रुपए भाव नीचे आने से किसान चिंतित हो गए है. पिछले सप्ताह में 16 जनवरी को तुअर प्रति क्विंटल भाव 6500 से 7500 रुपए थे और 996 बोरों की आवक दर्ज हुई थी. बढे हुए दाम नीचे आने के पीछे केंद्र सरकार की आयात नीति कारणीभूत रहने का कारण खरीददारों ने कहा है. केंद्र ने फिर से 10 लाख मैट्रीक टन तुअर विदेश से आयात करने का निर्णय लिया रहने से स्थानीय बाजार के दाम में इसका असर हुआ है. साथ ही वर्तमान में तुअर में 16 से 17 प्रतिशत नमी है. प्रतवारी गिरने का भी कारण सामने आ रहा है. खरीफ सत्र में हुई अतिवृष्टि और मूसलाधार बारिश के कारण तुअर की फसल को काफी नुकसान हुआ है. प्रतवारी कम हुई है और दाना छोटा रहने से खरीददार भाव गिराने लगे है.

* आयात नीति का असर
देश में तुअर का उत्पादन रहने के बावजूद केंद्र ने विदेश से 10 लाख मैट्रीक टन तुअर आयात करने की नीति घोषित की है. इस कारण विदेश के तुअर खरीददारों ने भाव गिरा दिए है और स्टॉक कम कर रहे है.
– राजेश पाटिल,
अडतिया, उपज मंडी अमरावती

Related Articles

Back to top button