राहत एवं उम्मीदों से भरा हो सकता है केंद्रीय बजट
चार्टर्ड अकाउंटंट तथा कर विशेषज्ञों ने दी बजट को लेकर अपनी राय
* पांच राज्यों के चुनाव की वजह से बजट रह सकता है लोक लुभावन
अमरावती/दि.31– कल संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण द्वारा आर्थिक वर्ष 2022-23 के लिए बजटपत्र पेश किया जाना है. ऐसे में सभी की निगाहें अब इस ओर लगी हुई है कि, सरकार द्वारा बजट के जरिये जनता को क्या रियायतें दी जाती है तथा बजट में कौन सी महत्वपूर्ण घोषणाएं होती है. साथ ही सर्वाधिक उत्सूकता इस बात को लेकर भी देखी जा रही है कि, बजट के बाद कौन-कौन सी चीजे सस्ती होगी तथा किन चीजों के दाम बढेंगे. आम लोगोें के जीवन को प्रभावित करनेवाले आम बजट को लेकर आम नागरिकों की कई अपेक्षाएं व उम्मीदें होती है. किंतु बजट अपने आप में बडा तकनीकी विषय है. ऐसे में हमने वित्त, लेखा तथा कर जैसे विषयों पर अपनी मजबूत पकड रखनेवाले चार्टर्ड अकाउंटंटस् एवं कर सलाहकारों से संभावित बजट को लेकर उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही. जिसमें अधिकांश का कहना रहा कि, इस बार बजट राहत एवं उम्मीदों से भरा रह सकता है तथा चूंकि इस समय देश के पांच बडे राज्यों के चुनाव चल रहे है. जिसके मद्देनजर सरकार द्वारा लोक लुभावन बजट पेश किया जा सकता है.
* सर्वसामान्य वर्ग को राहत मिलने की उम्मीद
कोरोना महामारी से कई क्षेत्र प्रभावित हुए है, जिसमे कृषि, उद्योग, व्यापार जैसे कई क्षेत्र का समावेश है. आगामी बजट में इन क्षेत्रों को राहत मिलने की संभावना है. उद्योग व्यापार को अनुदान या इनसेंटिव के माध्यम से सरकार कि और से मदद की अपेक्षा है. सरकार की और से आयकर नियम के कलम 80-सी की मर्यादा को कम से कम 300000 तक करने की अपेक्षा है. सरकार का इस साल का जीएसटी का कलेक्शन अनुमान से ज्यादा होने से सरकार की और से सामान्य वर्ग एवं किसानों के लिए तथा महिलाओं के हित में प्रावधानों का निश्चित ही बजट में विचार किया जाना चाहिये.
– सीए राजेश एल. राठी
* काफी उम्मीदों से भरा हो सकता है बजट
इस बजट में कर मुक्त आय की अधिकतम सीमा को ढाई लाख से अधिक बढाया जा सकता है. साथ ही सेक्शन 80-सी के तहत कर मुक्त निवेश की भी अधिकतम सीमा को बढाया जा सकता है, ताकि मंदी के इस दौर में अर्थ व्यवस्था को गतिमान किया जा सके. इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकोें एवं पेन्शनधारकों को सरकार द्वारा काफी हद तक राहत दिये जाने की भी उम्मीद है. साथ ही आशा की जा सकती है कि, चूंकि अब राजस्व संकलन की स्थिति पूरी सुधरी है. ऐसे में जीएसटी की दरों में कुछ कमी की जा सकती है. इन तमाम बातों के मद्देनजर इस बजट को लेकर काफी उम्मीदें रखी जा सकती है.
– सीए राजेश चांडक
* औद्योगिक विकास को दी जानी चाहिए प्राथमिकता
जीएसटी का कलेक्शन बढा है. इसलिए इनकम टैक्स में अब छूट मिलनी चाहिए. कार्पोरेट सेक्टर में भी रेट कम होने चाहिए. स्टार्टअप, मेक इन इंडिया की तर्ज पर विदर्भ में मेगा इंडस्ट्रीज का विस्तार होना चाहिए. ताकि रोजगार की दृष्टि से क्षेत्र का विकास होगा व स्थानीय युवाओं को अपने ही घर में रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे. उद्योग क्षेत्र के साथ हवाई अड्डा व अन्य संसाधनों का विकास हो सके. ऐसे उपाय योजना को बढावा मिले. दो वर्षों में डिजीटल इकॉनॉमी को बढावा मिला है. आनेवाले समय में आर्थिक उन्नति के लिए डिजिटल इकॉनॉमी की ओर सरकार का रूझान हो सकता है. बडे उद्योगों के साथ फिजीकल व्यापारियों पर भी सरकार ध्यान दे सकती है.
– सीए सुनील सलामपुरिया
अध्यक्ष, डब्ल्यूआयआरसी अमरावती शाखा.
* किसानों के लिए हो सकता है लाभकारी
केंद्रीय बजट में किसानों के लिए सबसे अधिक राहतवाली घोषणाएं होने की उम्मीद है. जिसके तहत सरकार द्वारा किसानों के लिए सब्सिडी बढाई जा सकती है. वहीं चूंकि इस समय सरकार के पास आम जनता को राहत देने हेतु पैसे ही नहीं है. अत: टैक्स में कोई विशेष रियायत मिलने या कोई सहूलियत दिये जाने की कोई खास उम्मीद नहीं है. किंतु इतना तय है कि, चूंकि इस समय पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव चल रहे है. अत: सरकार द्वारा लोक लुभावन बजट पेश किया जायेगा.
– सीए विनोद तांबी
* महिलाओं व बुजुर्गों को मिल सकती है राहत
इस बार बजट में सरकार द्वारा महिलाओं तथा बुजुर्गों को विशेष तौर पर राहत दिये जाने की उम्मीद है. जिसके तहत महिलाओं के लिए बजट में विशेष प्रावधान किया जा सकते है. साथ ही नये उद्यमियों के लिए विशेष छूट को लेकर नई घोषणा की जा सकती है. साथ ही साथ करमुक्त आय के न्यूनतम स्लैब को ढाई लाख से बढाकर साढे तीन या चार लाख रूपये किया जा सकता है. तथा आयकर की धारा 80-सी के तहत डेढ लाख की बजाय ढाई से तीन लाख रूपयों तक के निवेश को करमुक्त की श्रेणी में रखा जा सकता है.
– सीए रतन शर्मा
* व्यापारियों के लिए पैकेज व कर्ज पर रियायत की उम्मीद
चूंकि इस समय कोविड संक्रमण एवं लॉकडाउन की वजह से सभी लोग आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे है. ऐसे में सरकार ने सूक्ष्म व मध्यम स्तर के व्यापारियों हेतु विशेष पैकेज देने के साथ ही कर्जों की अदायगी पर रियायत देनी चाहिए. यद्यपि इस बार प्रत्यक्ष करों में किसी विशेष छूट की उम्मीद नहीं है, किंतु कर संरचना में काफी हद तक फेरबदल हो सकता है.
– सीए संजय लखोटिया
* मध्यम वर्गीयों को लाभ मिलना जरूरी
अमूमन बजट में बडे उद्योगपतियों के साथ-साथ गरीबी रेखा से नीचे रहनेवाले नागरिकों का विशेष ध्यान रखा जाता है और हमेशा ही मध्यम वर्ग उपेक्षित रह जाता है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि, इस बार सरकार द्वारा मध्यम वर्गीयों की समस्याओं व दिक्कतों की ओर भी विशेष ध्यान रखा जाये, ताकि उन्हें भी बजट का लाभ मिल सके. इसके अलावा इस बार उम्मीद है कि, बजट में किसानों के लिए काफी राहत एवं व्यापारियों के लिए काफी रियायत की घोषणा हो सकती है.
– सीए भव्या भूत
* लोकलुभावन रह सकता है बजट
चूंकि इस समय देश के पांच बडे राज्यों में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. जिसमें पंजाब व उत्तर प्रदेश जैसे बडे राज्यों का भी समावेश है. ऐसे में पूरी उम्मीद है कि, केंद्र सरकार द्वारा चुनावी फायदा उठाने के लिहाज से लोक लुभावन बजट पेश किया जाये. इसके साथ ही यह भी उम्मीद है कि, पेट्रोल व डीजल की कीमतों को स्थिर रखने हेतु भी सरकार द्वारा आवश्यक कदम उठाये जाये.
– एड. विजय बोथरा
* राहत और दिलासे की उम्मीद
यह बजट आम नागरिक को दिलासा देने वाला होना चाहिए. इनकम टैक्स और जीएसटी कानून सरल, निष्पक्ष, पारदर्शी, कम मुकदमेबाजी वाला और आम आदमी के अनुकूल होना चाहिए. जीएसटी की दरें एक ही रेट से वसूल की जानी चाहिए खासकर जीएसटी में जो कुछ धाराओं की वजह से व्यापारियों को बहुत तकलीफ हो रही है, उसमें सुधार करना चाहिए. एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने की जरूरत है और आम नागरिक को हेल्थ संबंधी अच्छी सुविधाएं कम पैसे में मिले इस पर ध्यान देना चाहिए. वैसे ही शेयर ट्रेडिंग में कैपिटल गेन पहले की तरह टैक्स फ्री करना चाहिए, जिससे एफआयआय का भारत में निवेश बढ़ेगा और इकोनामी को बूस्ट मिलेगा.
– सीए राजेश मूंधडा
* बजट को लेकर काफी उम्मीदें और अपेक्षाएं
वर्ष 2022 के बजट से काफी उम्मीदें और अपेक्षाएं है. जिसके तहत 50 लाख की खरीदी पर लगने वाला टीसीएस को समाप्त करना, कंपनी से आनेवाले लाभांश पर छूट मिलना चाहिए. वेतन प्राप्ति पर मिलनेवाले स्टैंडर्ड डिडक्शन 50000 से बढ़कर 75000 या ज्यादा होना चाहिए. इनकम टैक्स की छूट सभी को 500000 तक मिलने चाहिए. जीएसटी में दर कम होना चाहिए. सोने चांदी पर लगनेवाली इंपोर्ट ड्यूटी कम होनी चाहिए.
– सीए प्रकाश वारदे