अमरावती/दि.15 – जिला सामान्य अस्पताल यानि इर्विन में मंजूर की गई. केंद्रीय प्रयोगशाला का काम इस समय अंतिम चरण में पहुंच चुका है और आगामी 1 माह के भीतर यह प्रयोगशाला मरीजों के लिए काम करना शुरु कर देगी, ऐसी जानकारी अस्पताल प्रशासन द्बारा दी गई है. इस प्रयोगशाला के चलते रस्ते से संबंधित सभी तरह की जांच एक ही स्थान पर हो सकेगी.
बता दें कि, इर्विन अस्पताल में मरीजों के लिए आवश्यक हर तरह की टेस्ट नहीं होती है. ऐसे मेें कई टेस्ट बाहर से करवाकर लानी पडती है. जिनकी रिपोर्ट के लिए डॉक्टर व मरीज दोनों को लंबा इंतजार करना पडता है. ऐसे में केंद्रीय प्रयोगशाला कार्यान्वित हो जाने पर मरीजों को जल्द से जल्द रिपोर्ट मिलने, बीमारी का निदान जल्द होने और उपचार की सुविधा को गति मिलने में मदद होगी.
राज्य में अमरावती सहित नाशिक, औरंगाबाद व रत्नागिरी इन चार स्थानों पर प्रायोगिक तौर पर केंद्रीय प्रयोगशाला शुरु की जा रही है. जिसके तहत अमरावती की जिला सामान्य अस्पताल में इस प्रयोगशाला को स्थापित किया जा रहा है. जिसके लिए अस्पताल की पुरानी प्रयोग शाला को तोडकर उसी स्थान पर नई प्रयोगशाला का निर्माण किया जा रहा है. यह विदर्भ क्षेत्र में एकमात्र केंद्रीय प्रयोगशाला है. इस प्रयोगशाला के कार्यान्वित हो जाने पर रक्तसंबंधि विविध जांच, सीबीसी, एचबीसी, सिकलसेल, स्वैब, थुक व मल से संबंधित सभी तरह की टेस्टिंग के साथ-साथ डेंग्यू, मलेरिया, चिकनगुनिया, टीबी जैसी बीमारियों की टेस्टींग भी इर्विन अस्पताल में होगी.
* 24 घंटे शुरु रहेगी प्रयोगशाला
इर्विन अस्पताल में स्थापित की जा रही केंद्रीय प्रयोगशाला सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे शुरु रहेगी और प्रत्येक शिफ्ट में 8 से 10 तकनीशियन व आवश्यक कर्मचारी उपलब्ध रहेंगे. फिलहाल मनुष्य बल के संदर्भ में निर्णय नहीं हुआ है. लेकिन निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद जब इस प्रयोगशाला को अस्पताल प्रशासन के कब्जे में दिया जाएगा. उसके पश्चात आवश्यक मनुष्यबल की मांग की जाएगी.
* 1.25 करोड रुपए मंजूर
केंद्रीय प्रयोगशाला हेतु सरकार की ओर से 1.25 करोड रुपए की निधि मंंजूर की गई है. जिसमें से निर्माण कार्य हेतु 55 लाख रुपए तथा यंत्र सामग्री की खरीदी हेतु 70 लाख रुपए मंजूर किए गए है.
केंद्रीय प्रयोगशाला का निर्माण कार्य आगामी एक से डेढ माह में पूरा हो जाएगा. राज्य में केवल 4 स्थानों पर ही केंद्रीय प्रयोगशाला मंजूर हुई है. जिनमें अमरावती को भी शामिल किया गया है. यह प्रयोगशाला जिले के मरीजों हेतु काफी उपयोगी साबित होने वाली है.
– डॉ. दिलीप सौंदले,
जिला शल्यचिकित्सक