अंबादेवी व एकवीरा देवी मंदिर में ‘मन्नत के पेड’ का विधिवत होलिका दहन
बरसों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन
* विश्वस्त पोतदार व कुलकर्णी दंपत्ति के हाथों पूजन
अमरावती/दि.26– अंबादेवी व एकवीरा देवी संस्थान में रविवार को मन्नत के पेड का विधिवत होलिका दहन किया गया. छोटी माता तथा सम्मान में डी अंबादेवी माता संस्था की ओर से रविवार की शाम 6 से विश्वस्त शैलेश एवं मुक्ता पोतदार दंपत्ति के हाथों सर्वप्रथम विधिविधान से पूजन किया गया. विदर्भ की कुलस्वामिनी के मंदिर में अंबादेवी को पहला मान प्राप्त हुआ है. इस कारण सर्वप्रथम पंडित गोवर्धन पुराणिक, पंडित विनोद जोशी, पंडित योगेश जोशी, पंडित मिलींद देवघरे, कुमार लेंगे, बालूभाई आदि ने मंत्रोच्चार के साथ विधिवत होलिका माता की पूजा-अर्चना करवाई. पश्चात पुरणपोली का नैवेद्य अर्पण किया गया. शक्कर की गाठी का प्रसाद चढाकर आरती की गई. पश्चात होलिका में अग्नी प्रज्वलित की गई. इस अवसर संस्थान के विश्वस्त एड.राजेंद्र पांडे, अशोक खंडेलवाल, सचिव एड.दीपक श्रीमाली, उपाध्यक्ष डॉ.आनंद पलसोदकर, विलास मराठे, किशोर बेंद्रे, व्यवस्थापक आप्पाजी कोल्हे समेत मंदिर के सभी सेवाधारी उपस्थित थे. होलिका दहन के पश्चात भी कई भक्त हर साल की परंपरा का पालन करते हुए पूजा अच्रना कर अपने मन्नत का नारियल अग्नी को समर्पित करते नजर आए. होलिका माता की परिक्रमा लगाई गई. बतादें कि, इस बार होलिका माता का देवी स्वरूपा की तरह श्रृंगार किया गया था. संपूर्ण होलिका को रंगबिरंगी साडियों से सजाया गया था.
* एकवीरा देवी मंदिर में भी पूजन
अंबादेवी मंदिर में रविवार की शाम 6 बजे से 6.35 तक होलिका दहन की पूजा अर्चना हुई. जिसके बाद एकवीरा देवी मंदिर में होलिका दहन की प्रथा को पूरा किया गया. एकवीरा देवी संस्था की ओर से गोरक्षण परिसर समीपस्थ मैदान पर मन्नत का पेड लगाया जाता है, जिसे होली के दिन अग्नी को समर्पित करने की परंपरा बरसों से चली जा रही है. रविवार की शाम 6.45 बजे विधिविधान से होलिका दहन की विधि संस्थान के सचिव चंद्रशेखर एवं स्वाति कुलकर्णी के हाथों संपन्न कराई गई. इस अवसर पर पाठक महाराज ने यह संपूर्ण विधि मंत्रोच्चारण के बीच पूर्ण की. पश्चात विधिवत होलिका दहन किया गया. इस अवसर पर माता की आरती कर सभी भक्तों को प्रसादी का वितरण किया गया. मंदिर के विश्वस्तों में अध्यक्ष डॉ.अनिल खरैया, अविनाश श्रॉफ, राजेंद्र टेंभे, एड.रवींद्र मराठे, सुरेश कारंजकर, शरद अग्रवाल के साथ आरती मंडल के विनोद पांचाल, हरिश व्यास समेत भक्तगण उपस्थित थे. सभी ने होलिका को जल.गाठी, हल्दी-कुमकुम, पुष्प अर्पित कर पूजन किया.
* मनोकामना पूर्ण होने की मान्यता
विदर्भ की कुलस्वामिनी माता अंबादेवी व माता एकवीरा देवी मंदिर परिसर में हर साल होली के एक माह पूर्व से ही मन्नत का पेड लगाया जाता है. प्रवेश द्वार के सामने लगाये जाने वाले इस पेड पर लोग मन्नत के नारियल बांधकर उसे होलिका दहन की पूजा तक सजाते है. बरसों से चली आ रही इस परंपरा का आज भी श्रद्धाभाव के साथ निर्वहन किया जाता है. यह नारियल अग्नी देवता को समर्पित किया जाता है. साथही भक्तों की मनोकामना भगवान के चरणों में समर्पित होती है, ऐसी मान्यता है.