अमरावती प्रतिनिधि/दि.१२ – कोरोना खतरे के मद्देनजर बाहरगांव रहनेवाले पेन्शनधारक वरिष्ठ नागरिको के लिए यात्रा करना संभव नहीं होता. ऐसे में अब उनके निवास क्षेत्र के राजपत्रिक अधिकारी द्वारा निर्धारित प्रारूप में दिया गया जीवित रहने का प्रमाणपत्र यदि डाक से भी भेजा जाता है, तो उसे स्वीकार किया जायेगा. ऐसे में पेन्शनधारक बुजुर्ग नागरिकों को राहत मिलेगी. बता देें कि, पेन्शनधारकोें को प्रतिवर्ष १ से ३० नवंबर की कालावधी के दौरान अपने जीवित रहने का प्रमाणपत्र पेन्शन अधिकारी के सामने पेश करना होता है. पेन्शनधारक जिस बैंक से अपनी पेन्शन प्राप्त करते है, उस बैंक द्वारा कोषागार कार्यालय में पेन्शनधारक के जीवित रहने का प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया जाता है. इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए सरकार ने यह प्रमाणपत्र पेश करने हेतु ३१ दिसंबर तक समयावृध्दि देने का निर्णय लिया है. उल्लेखनीय है कि, कई निवृत्ती वेतन धारक बाहरगांव बस चुके अपने बच्चों के यहां रहते है. ऐसे में कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए बुजुर्ग व्यक्ति के यात्रा करने पर कुछ हद तक प्रतिबंध लगाया गया है. ऐसी स्थिति में किसी भी राजपत्रित अधिकारी द्वारा जीवित रहने का प्रमाणपत्र प्रमाणित कर उसे डाक के जरिये भेजे जाने पर उसे स्वीकार किया जायेगा. जिससे अब दूसरे शहरों में बस चुके पेन्शनधारकों को काफी सुविधाएं होंगी.