* दो प्राध्यापकों का वेरिफिकेशन पूर्ण
अमरावती/दि.22- महाविद्यालयों में प्राध्यापक, सहयोगी प्राध्यापक पद हेतु राज्य पात्रतता परीक्षा अथवा राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा नेट-सेट आवश्यक है. किंतु कुछ लोगों ने जाली नेट-सेट प्रमाणपत्र के आधार पर सहयोगी प्राध्यापक पद हथियाने का भयंकर खुलासा हुआ है. संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ से संलग्न 19 प्राध्यापकों के नेट-सेट प्रमाणपत्र बनावटी होने की जांच चल रही है. 2 प्राध्यापकों का वेरिफिकेशन पूर्ण हो गया है. इस संदर्भ में विद्यापीठ अनुदान आयोग का पत्र गत 27 अक्तूबर को अमरावती विवि को मिल जाने की जानकारी देते हुए बताया गया कि तीनों विद्यापीठ अमरावती, नागपुर, नांदेड में कुल 69 प्राध्यापकों के प्रमाणपत्र बोगस रहने की शिकायत मिली है. उसकी जांच आरंभ हो गई है.
* क्या कहते हैं कुलसचिव
अमरावती विवि के कुलसचिव डॉ. तुषार देशमुख से इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि विद्यापीठ अनुदान आयोग के पत्र में एक सहायक प्राध्यापक का प्रमाणपत्र जाली होने के बारे में सूचित किया गया है. अन्य 16 लोगों की सूची है. नेट-सेट प्रमाणपत्र के बारे में महाविद्यालयों से जानकारी मांगी जाएगी.
* 19 साल हो गए सेवा में
जानकारी के अनुसार वाशिम जिले के कामरगांव की कला-विज्ञान महाविद्यालय के शारीरिक शिक्षक तथा सहयोगी प्राध्यापक सुरेंद्र चव्हाण का नेट प्रमाणपत्र बनावटी निकला है. चव्हाण का प्रमाणपत्र का नंबर टी- 432687 है. दिसंबर 2004 में उन्होंने इस प्रमाणप्रत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त की थी. ऐसे ही कुछ और प्राध्यापक के भी प्रमाणपत्र जाली होने की शिकायत की जांच हो रही है.
* प्राचार्य का कहना
विद्यापीठ का पत्र प्राप्त होने की पुष्टि कामरगांव के कला-विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. उद्धव जाणे ने की. उन्होंने कहा कि आयोग के मार्गदर्शक तत्व के अनुसार जाली नेट प्रमाणपत्र धारक सहयोगी प्राध्यापक सुरेंद्र चव्हाण के विरुद्ध पुलिस में शिकायत देने वे मंगलवार को धनज थाने में भी गए थे. तकनीकी बातों के कारण शिकायत नहीं दे सके.