किसानों को बेचे जा रहे अप्रमाणित बीज
बीज, खाद व कीटनाशक के सैम्पलों की रिपोर्ट ढाई महिने बाद भी अप्राप्त
अमरावती/दि.16- बुआई हेतु प्रयुक्त होनेवाले बीज प्रमाणित रहने की पुष्टि करने हेतु बीजों के सैम्पल का सत्यतादर्शक देखा जाना बेहद जरूरी होता है. ऐसे में नामांकित बीजों के ही सैम्पल संकलित करने की ओर निरीक्षकों का रूझान अधिक होता है. इस हेतु 75:25 का प्रमाण तय रहने के बावजूद इसकी ओर अनदेखी की जाती है. साथ ही 1 अप्रैल से लिये गये सैम्पलों की रिपोर्ट ढाई माह बीत जाने के बावजूद नहीं मिली है. ऐसे में संदेह जताया जा रहा है कि, कहीं किसानों को अप्रमाणित बीज तो नहीं टिकाये जा रहे और किसानों में इस बात को लेकर भी संदेह है कि, कहीं उनके साथ जालसाजी या धोखाधडी तो नहीं हो रही.
बीजों की गुणवत्ता को जांचने हेतु बाजार में बिक्री हेतु उपलब्ध कराये जानेवाले सभी बीजों के सैम्पलों की जांच-पडताल आवश्यक होती है. लक्ष्यांक के अलावा किसानों की शिकायतों पर अथवा उडन दस्तों को संदेह होने पर बीजों के सैम्पल लेना महत्वपूर्ण होता है. कई बार सरकारी अंगीकृत कंपनियों के ही सैम्पल लिये जाते है और गुणवत्ता निरीक्षण कार्यक्रम अंतर्गत शहरी क्षेत्र में मुख्य मार्गों पर स्थित कृषि सेवा केंद्रों से ही कृषि निविष्ठाओं के सैम्पल उठाये जाते है. वहीं दुर्गम क्षेत्रों व छोटे-छोटे गांवों में स्थित दुकानों से सैम्पल लेने को लेकर टालमटोल की जाती है.
पंचायत समिती के कृषि अधिकारी, तहसील कृषि अधिकारी, उपविभागीय कृषि अधिकारी, तंत्र अधिकारी, एसएओ, एडीओ, कृषि उपसंचालक, मुहिम अधिकारी, बीएओ, जिला गुणवत्ता नियंत्रण निरीक्षक सहित मंडल अधिकारी को कृषि विभाग द्वारा बीज निरीक्षक के तौर पर अधिसूचित किया गया है.
* इससे पहले भी 193 सैम्पल अप्रमाणित
गत वर्ष 2 हजार 507 सैम्पल संकलित किये गये थे. जिसमें से 193 सैम्पल अप्रमाणिक पाये गये. इनमें बीजों के 104, रासायनिक खाद के 75, कीटनाशक के 14 सैम्पलों का समावेश रहा. वहीं इस वर्ष बीजों के 1 हजार 518, रासायनिक खाद के 828 तथा कीटनाशक के 264 ऐसे कुल 2 हजार 610 सैम्पल संकलित करने का लक्ष्यांक तय किया गया.
* एक माह में मिलनी चाहिए रिपोर्ट
कृषि निविष्ठाओं के सैम्पलों को प्रयोगशाला में भेजे जाने के बाद अगले एक माह में उसकी रिपोर्ट मिलना आवश्यक है. परंतू 1 अप्रैल से अब तक केवल 16 सैम्पलों की ही रिपोर्ट प्राप्त हुई है. वहीं ढाई माह का समय बीत जाने के बावजूद कई सैम्पलों की रिपोर्ट मिलना बाकी है. ऐसे में संदेह जताया जा रहा है कि, कहीं किसानों को अप्रमाणित बीज तो नहीं बेचे जा रहे. इस संदर्भ में कृषि महकमे को आवश्यक निर्देेश दिये जाने की बात एएसओ अनिल खर्चान द्वारा कही गई.